Nagpur News: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द
  • मामला वणी में ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने का
  • नगर परिषद को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश
  • नीलामी पर रोक लगाने का कारण नहीं बताने पर किये सवाल

Nagpur News यवतमाल जिले के वणी नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में आने वाले ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने का नगर विकास विभाग के मंत्री तथा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आदेश बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रद्द किया। कोर्ट ने अपने निरीक्षण में कहा कि इस आदेश में कोई कारण नहीं बताया गया कि नीलामी पर रोक क्यों लगाई जा रही है। साथ ही कोर्ट ने वणी नगर परिषद को नीलामी से संबंधित प्रक्रिया पूरी करने के लिए 16 दिसंबर तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

अवैध रूप से किया कब्जा : मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। वणी के पांडुरंग टोंगे ने नागपुर खंडपीठ में यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, टोंगे ने 2014 में भी हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वणी में नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में 160 ब्लाॅक पर कुछ व्यापारियों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। इस याचिका पर निर्णय देते हुए विभागीय आयुक्त अमरावती और जिलाधिकारी यवतमाल को निवेदन प्रस्तुत करने के बाद छह सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया गया और याचिका का निपटारा कर दिया गया।

नीलामी प्रक्रिया को रोका : 6 नवंबर 2014 को जिलाधिकारी ने नगर परिषद के नगर रचना विभाग को इन ब्लॉक का मूल्यांकन करने और इसके अनुसार उनकी नीलामी करने का आदेश दिया। हालांकि, 19 दिसंबर 2014 को इन अतिक्रमणकारियों ने तत्कालीन नगर विकास विभाग के मंत्री से मुलाकात की और जिलाधिकारी के इस आदेश को चुनौती दी। राज्य मंत्री ने 6 मार्च 2019 को नया निर्णय लेते हुए इन ब्लॉक को तत्काल खाली कराने का आदेश दिया और ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत ब्लॉक का आवंटन करने का निर्णय लिया। इसे गांधी चौक के ब्लॉक धारकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर याचिका वापस ले ली गई। नगर विकास मंत्री शिंदे के सुझाव के अनुसार, मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल और व्यवसायी नानकराम नेभनानी ने नीलामी प्रक्रिया को रोक दी है] लेकिन उनके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है, यह याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. मोहित खजांची और वणी नगर परिषद की ओर से एड. महेश धात्रक ने पैरवी की।

Created On :   14 Nov 2024 1:09 PM GMT

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