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Nagpur News: आशा सर्वेक्षण से मनपा की उपाय योजनाएं सफल, संक्रामक बीमारियों से मिली निजात
- मच्छर जनित बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण
- इलाकों की पहचान में सुविधा हुई
- आशावर्कर्स को भी अतिरिक्त आमदनी हुई
Nagpur News महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने बरसात के दौरान आशावर्कर्स से सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दीपक सेलोकार की पहल पर शहर में 12 लाख से अधिक घरों का सर्वेक्षण कराया गया। ऐसे में आशावर्कर्स ने इलाके में संदिग्ध बुखार वाले नागरिकों और जलजमाव वाले इलाकों की पहचान में सुविधा हुई है। पिछले कई सालों में पहली मर्तबा डेंगू, मलेरिया और स्वाईन फ्लू समेत अन्य जल और मच्छर जनित बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाया गया है। इसके साथ ही दो माह तक सर्वेक्षण में आशावर्कर्स को भी अतिरिक्त आमदनी हुई है। पिछले साल प्रभावी उपाययोजना नहीं होने से राज्य में सर्वाधिक डेंगू के मरीज शहरी इलाके में पाए गए थे।
इस साल बरसात के दौरान शहर के प्रत्येक घर का सर्वेक्षण करने की उपाययोजना बनाई गई थी। मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दीपक सेलोकार के ग्रामीण पैटर्न से प्रभावी उपाययोजना संभव हुई है। मनपा के स्वास्थ्य विभाग से घर-घर सर्वेक्षण के लिए आशावर्कर्स को प्रतिमाह 1,000 रुपए का मानधन तय किया गया था, लेकिन यूनियन के दबाव में बाद में प्रतिमाह 1500 रुपए का मानधन किया गया है। शहर में घर-घर सर्वेक्षण के लिए 1,000 आशावर्कर्स को नियुक्त किया गया था। दो माह सर्वेक्षण के बाद अब आशावर्कर्स को कार्यमुक्त कर दिया गया है। सर्वेक्षण के चलते जनजागरण के साथ ही कंटेनमेंट जोन में उपाययोजना कर डेंगू, मलेरिया समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से छुटकारा पाने में सुविधा हुई है।
51 लाख 46 हजार नागरिकों से संपर्क : आशा स्वयंसेविकाओं ने दो माह में शहर में 12,43,794 घरांे का सर्वेक्षण पूरा किया है। इस दौरान 51 लाख 46 हजार 272 नागरिकों के स्वास्थ्य की जानकारी ली गई है। सर्वेक्षण के दौरान 35 हजार 697 बुखार वाले नागरिकों में से 1701 संदिग्धों के रक्त की जांच की गई। शहर में बरसात के दौरान 27772 घरों के बर्तनो समेत अन्य स्थान पर जलजमाव में लार्वा पाया गया। इनमें से 21659 स्थानों पर कूलर, 24179 गमले, 4596 मटके, 4706 टायर, 11,930 ड्रम, 5040 पक्षी एवं प्राणियों के बर्तनों में लार्वा को पाया गया है। इन स्थानों पर सफाई कर फागिंग और स्प्रे कराया गया। इतना ही नहीं पूरे बरसात के दौरान लगातार निगरानी कर जलजन्य बीमारियां के संक्रमण को राेका गया।
स्वाइन फ्लू से संक्रमित और मौत
साल पाजीटिव केस मौत
2018 63 11
2019 242 22
2020 2 0
2021 3 0
2022 371 21
2023 79 10
2024 120 0
कुल 880 64
आशावर्कर्स सर्वेक्षण से प्रभावी उपाययोजना संभव
इस मर्तबा स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए आशा वर्कर्स के माध्यम से सर्वेक्षण कराया। इसके चलते प्रत्येक इलाके के साथ ही जलजमाव और गंदगी वाले इलाकों की स्पष्ट तौर पर पहचान संभव हुई है। इस पहचान के आधार पर तत्काल उपाययोजना करने से डेंगू और मलेरिया के साथ ही मच्छरों से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियों पर प्रभावी रूप में नियंत्रण पाया जा सका है। -डॉ गोवर्धन नवखरे, संक्रामक रोग अधिकारी, मनपा
Created On :   3 Dec 2024 4:18 PM IST