Nagpur News: 14 ट्रैफिक सिग्नलों में ब्लिंकर का प्रयोग, मनपा की सिग्नल व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह

14 ट्रैफिक सिग्नलों में ब्लिंकर का प्रयोग, मनपा की सिग्नल व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह
  • नागरिकों के फीडबैक के आधार पर होगा फैसला
  • ट्रैवल टाइम कम करने को लेकर प्रयोग किया जा रहा

Nagpur News उपराजधानी को स्मार्ट सिटी के रूप में तब्दील करने का सपना अधूरा नजर आ रहा है। दो दिन पहले यातायात पुलिस ने प्रायोगिक तौर पर14 सिग्नलों को ब्लिंकर आरंभ किया है। इन चौराहों पर दोपहर 1 से 4 बजे तक सिग्नलों को बंद रूप में रखा जाएगा। हैरानी यह है कि इनमें से अधिकतर सिग्नल को मनपा ने हाल ही में लगाया है। अब यातायात पुलिस की ओर से ट्रैवल टाइम कम करने को लेकर प्रयोग किया जा रहा है, जबकि मनपा से शहर के चौराहों पर नए-नए सिग्नलों को लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

शहर के नीरी टी प्वांइट, बजाजनगर चौक, गजानन स्कूल टी प्वाइंट, त्रिशरण चौक,आवारी चौक, विजय टाकिज चौक, कन्नमवार चौक, अहिंसा चौक, राजारानी चौक, धरमपेठ वाय प्वाइंट, अजित बेकरी टी प्वाइंट, जीपीओ चौक, रफी चौक और 10 नंबर पुलिया पर दोपहर 1 से 4 बजे तक चौराहों को ब्लिंकर की स्थिति में रखा जाएगा। इन चौराहों पर वाहनों को चलने के लिए 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तय की गई है। इन चौराहों पर सिग्नल के चलने से नागरिकों को खासा परेशान होना पड़ता है। इन चौराहों पर सिग्नल के चलते नागरिकों को ठहरने से समय के साथ ईधन की खपत भी हो रही है। करीब 30 दिनों के बाद नागरिकों के फीडबैक के आधार पर सिग्नलों के दोपहर के समय को बंद रखने पर अंतिम फैसला होगा। शहर में दूसरे चरण में 7 अन्य स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। वहीं दूसरी ओर मनपा से सिग्नलों को लगाने की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह भी लग रहे हैं।

कम भीड़ पर सिग्नल क्यों : मनपा के विद्युत विभाग से शहर में सिग्नलों को लगाया जाता है, जबकि देखभाल आैर दुरूस्ती की जिम्मेदारी निजी एजेंसी डेकोफर्न एजेंसी को दी गई है। सिग्नलों के संचालन की कमान यातायात पुलिस को दी गई है। मनपा से देखभाल और दुरूस्ती के लिए साल 2018 से डेकोफर्न एजेंसी को सालाना करीब 90 लाख रुपए का भुगतान हो रहा है। एजेंसी को सिग्नलों की लाइट की दुरूस्ती, केबल बदलने, सिग्नलों की समयावधि निर्धारित करने के साथ ही खंबों की दुरूस्ती समेत अन्य जिम्मेदारी पूरा करना है, लेकिन अक्सर लापरवाही के चलते सिग्नलों पर नागरिकों को परेशान होना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर शहर में अनेक स्थानों पर बेवजह ट्रैफिक जाम का कारण सामने कर सिग्नल लगा दिया गया है। एक सिग्नल का खंभा लगाने पर करीब 15 लाख रुपए का खर्च होता है। इतना ही नहीं अब इंटिग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में अनेक पुराने सिग्नलों को हटाने की स्थिति भी बन रही है।

आईआईटीएमएस प्रणाली से सिग्नलों की समीक्षा कर रहे : शहर में 14 स्थानों पर दोपहर में सिग्नल व्यवस्था को ब्लिंकर स्थिति में ट्रैफिक पुलिस ने रखने का प्रयोग आरंभ किया है। इन चौराहों के सिग्नलों 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने की अनिवार्यता है। आईआईटीएमएस प्रणाली में शहर के सभी सिग्नलों की व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। चौराहों पर यातायात, वाहनों की संख्या, समेत अन्य व्यवस्था की समीक्षा हो रही है। राजेन्द्र राठौड़, कार्यकारी अभियंता, विद्युत विभाग, मनपा

नागरिकों के फीडबैक पर आगे का फैसला : ब्लिंकर कराने के लिए तकनीकी जानकारों से सहायता लेना पड़ा है, जबकि आईआईटीएमएस प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से सिग्नल संचालित होगे। प्राथमिक तौर पर 14 स्थानों पर ट्रैवल टाइम, फ्यूल बचत का प्रयोग कर रहे हैं इसके बाद नागरिकों के सुझाव समेत फीडबैक आने पर आगे की प्रक्रिया करेगे। इस योजना के सफल होने पर 7 अन्य स्थानों पर भी प्रयोग किया जा सकता है। अर्चित चांडक, उपायुक्त, ट्रैफिक पुलिस विभाग


Created On :   4 Dec 2024 6:12 PM IST

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