नागपुर: विदर्भ में 15 से पहले मानसून की दस्तक! उतरा पारा, मिली राहत - पश्चिमी विक्षोभ का असर

  • गरज-चमक, तेज हवा व बूंदाबांदी संभव
  • विदर्भ में 15 से पहले मानसून की दस्तक!

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-03 11:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. उत्तर भारत में बने पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में कमी आई है। पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में 3.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। तापमान गिरने से गर्मी से थोड़ी राहत मिल गई है। रविवार को नागपुर का अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। पश्चिमी हवा आ रही है। इस हवा में नमी होती है। हवा में नमी होने से तापमान में गिरावट आई है और तापमान में गिरावट आने से गर्मी से थोड़ी राहत मिल गई है। अगले दो-तीन दिन तक गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। सोमवार को गरज-चमक, तेज हवा व बूंदाबांदी होने की संभावना है। आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। तापमान सामान्य से कम बना रहेगा।

विदर्भ में 15 से पहले मानसून की दस्तक!

इंडियन ओशन डायकोन (आईओडी) की सकारात्मकता को देखते हुए मानसून विदर्भ में 15 जून से पहले दस्तक देने की संभावना बढ़ गई है। केरल व नार्थ-ईस्ट में मानसून तय समय से दो दिन पहले पहुंचा। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र जितने जल्दी बनेगा, उतने जल्दी मानसून विदर्भ में दस्तक देगा।

ला नीना का असर

विदर्भ में मानसून 15 जून के बाद आने की संभावना जताई जा रही थी। केरल व नार्थ-ईस्ट में 30 मई यानी दो दिन पहले मानसून पहुंच गया। विदर्भ में मानसून बंगाल की खाड़ी से आता है और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र जल्दी बनने की संभावना है। 15 जून के पहले विदर्भ में मानसून दस्तक दे सकता है। आईआेडी की सकारात्मकता व ला नीना के कारण इस बार बारिश सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है। विदर्भ में समान्यत: 90 सेमी बारिश होती है, लेकिन इस बार इसमें इजाफा होने की गुंजाइश है। मानसून केरल से कर्नाटक पहुंच गया है।

औसत से ज्यादा बारिश

एम. एल. साहू, मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक मानसून के समय ला नीना शुरू हो जाएगा। इस कारण औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना बढ़ गई है। बंगाल की खाड़ी में कब दबाव का क्षेत्र जल्दी बना तो विदर्भ में मानसून 15 जून से 2-3 दिन पहले आ सकता है। अगर कम दबाव का क्षेत्र देरी से बना तो 2-3 दिन की देरी हो सकती है। विदर्भ में 90 सेमी से ज्यादा यानी सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।

क्या है आईओडी: बता दें कि आईओडी समुद्री सतह के तापमान का एक अनियमित दोलन है, जिसमें पश्चिमी हिंद महासागर की सतह का तापमान पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में क्रमिक रूप से कम एवं अधिक होता रहता है। हिंद महासागर द्विधुव यानी इंडियन आेशन डायकोन (आईआेडी) को भारतीय नीनो भी कहा जाता है।

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