हाईकोर्ट: मनोज जरांगे ने डिप्टी सीएम फडणवीस पर लगाए गंभीर आरोप, आंदोलन शांति पूर्ण होने को लेकर देना होगा जवाब
- जरांगे-पाटील ने मराठा आंदोलन के लिए रास्ता रोको आंदोलन करने का किया है आह्वान
- पिछली सुनवाई पर रास्ता रोको आंदोलन के हिंसक होने की राज्य सरकार ने जताई थी आशंका
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे-पाटील को बॉम्बे हाई कोर्ट में मराठा आंदोलन के शांतिपूर्ण होने पर जवाब देना होगा। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने उनसे (जरांगे-पाटील) आंदोलन के हिंसक नहीं होने को लेकर जवाब मांगा था। राज्य सरकार ने गुरुवार को अदालत से मराठा आंदोलन के हिंसक होने का अंदेशा जताया था। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को जरांगे-पाटील के आंदोलन के खिलाफ वकील गुणरत्न सदावर्ते की याचिका सुनवाई होगी। पिछले दिनों राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा था कि उन्होंने (जरांगे-पाटील) ने फिर से रास्ता रोको का आह्वान किया है। आंदोलन के हिंसक होने का अंदेशा है। इस पर अदालत ने जरांगे-पाटील के वकील वी.एम.थोरात से विरोध प्रदर्शन के शांतिपूर्ण होने को लेकर जवाब मांगा था। जरांगे-पाटील के वकील थोरात ने मूल याचिकाकर्ता गुणरत्न सदावर्ते के बजाय तत्काल सुनवाई के लिए सरकार के कदम उठाने पर आपत्ति जताई थी। जरांगे-पाटील ने शनिवार से मराठा आरक्षण को लेकर रास्ता रोको आंदोलन करने का आह्वान किया है।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए
मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आंतरवाली सराटी गांव में आंदोलन को लेकर रविवार (25 फरवरी) को बैठक बुलाई थी। इसके बाद उन्होंने कहा- अकेले देवेंद्र फड़णवीस ही मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
जरांगे ने कहा- फडणवीस अगर आपको मेरी बलि चाहिए तो मैं तैयार हूं। अगर आप मुझे मारने की साजिश रच रहे हैं, तो मैं भूख हड़ताल पर मरने के बजाय आपकी चौखट पर मरने के लिए तैयार हूं। ये लोग मराठाओं को ख़त्म करना चाहते हैं। इसमें CM शिंदे के लोग हैं और अजित दादा के दो विधायक हैं। ये देवेन्द्र फडणवीस की साजिश है। मैं आपका जीना मुश्किल कर दूंगा।
आज कई नेता बीजेपी में क्यों आ रहे हैं। छगन भुजबल, अजित पवार कभी भी NCP नहीं छोड़ सकते थे। एकनाथ शिंदे कभी भी शिवसेना नहीं छोड़ सकते थे। अशोक चव्हाण कभी कांग्रेस नहीं छोड़ सकते थे। जरांगे ने कहा कि फड़णवीस के कपट की वजह से इन नेताओं को पार्टी छोड़नी पड़ी। फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाने के बाद जरांगे गुस्से में आ गए थे।