सुरक्षा :: आपत्तिजनक पोस्ट या फ्रॉड की जांच के लिए नहीं जाना पड़ेगा विदेश
बनेगा ‘साइबर प्लेटफार्म’
डिजिटल डेस्क, नागपुर। साइबर अपराधों को रोकने के लिए राज्य में बड़े पैमाने पर तैयारियों को अंजाम दिया जाएगा। इसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा ‘साइबर प्लेटफार्म’ तैयार किया जाएगा। यह सबसे डायनामिक होगा और तुरंत रिस्पॉन्स देगा। यह बैंकिंग, सोशल साइट सहित सभी तरह के मामलों को सुलझाने में सक्षम होगा। इसके लिए पुलिस दल के एक हजार लोगों को प्रशिक्षित कर ‘ई-फोर्स’ तैयार की जाएगी। बुधवार को विधान परिषद में गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा करते हुए कहा कि यह प्लेटफार्म बनने के बाद कोई आपत्तिजनक पोस्ट या फ्रॉड करता है, तो उसकी जांच के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।
टेक्नोलॉजी में हो रहा बदलाव : राज्य में रिक्त पुलिस सिपाही के पदों का विषय सतेज पाटील ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव द्वारा उपस्थित किया था। इस पर बोलते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए राज्य में साइबर की संपूर्ण यंत्रणा तैयार की जा रही है। पुलिस दल के एक हजार विशेषज्ञ और विद्वान लोगों की ई-फोर्स तैयार की जाएगी। एक हजार युवा पुलिस वालों को प्रशिक्षित कर साइबर अपराध के विरोध में ठोस कदम उठाए जाएंगे। सोशल साइट्स से लेकर सभी प्रकार के नॉन सोशल मीडिया का एकत्रिकरण किया जाएगा। इसके लिए इंटिग्रेडेट प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। साइबर दुनिया की टेक्नोलॉजी में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके लिए कुछ काम आउटसोर्सिंग से किए जाएं, तो कुछ अपने लोगों को प्रशिक्षण देकर किया जाएगा। इस विभाग को वायरलेस के अंतर्गत लाने पर विचार किया जाएगा। फिलहाल यह अपराध शाखा अंतर्गत है। राज्य में तैयार किए जाने वाला साइबर प्लेटफार्म दुनिया का सबसे डायनामिक रहेगा। प्रशिक्षित लोगों की फोर्स तैयार की जा रही है। पुलिस दल को अधिक सक्षम बनाने के लिए नया आकृतिबंध तैयार किया जा रहा है।
गृह विभाग को दी गई है सूचना : गृहमंत्री फडणवीस ने बताया कि पुलिस सिपाही की परीक्षा एजेंसी को दी गई है। इसमें अनुचित प्रकार न हो, इसके लिए जैमर लगाने का प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। साइबर प्लेटफार्म में सोशल मीडिया साइट, गेम सॉफ्टवेयर का समावेश होगा। साइबर अपराध कम करने के लिए सरकार प्रयासरत है। सीसीटीवी संदर्भ में नियमावली तैयार करने बाबत गृह विभाग को सूचना दी गई है।