नागपुर: आरटीओ अधिकारी ने ही सहकर्मी पर दागी थी गोली, पड़ताल में हुआ बड़ा खुलासा

  • आरटीओ अधिकारी पर गोली चली
  • घटना के रहस्य से पर्दा उठा
  • मामले में पुलिस ने नोटिस भी जारी किया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-21 13:07 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. आरटीओ अधिकारी पर गोली चलने की घटना के रहस्य से पर्दा उठ गया है। विवादित महिला आरटीओ अधिकारी ने ही गोली दागी थी। उसने सहकर्मी को जान से मारने का प्रयास किया है। और तो और, पोल खुलने के डर से जख्मी अधिकारी ने खुद घटना के सबूत भी नष्ट किए। दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। 


पुलिस ने नोटिस भी जारी किया था

आरटीओ की मोटर वाहन निरीक्षक मुख्य गीता शेजवाल और जख्मी सहकर्मी आरोपी संकेत गायकवाड़ है। एक ही विभाग में तैनात होने से वसूली की लेकर दोनों में विवाद चल रहा था। 5 मई 2022 को गीता ने रिवाल्वर से संकेत पर गोली दागी और उसे जान से मारने का प्रयास किया। घटना के बाद संभवत: खुद की पोल खुलने और गीता को बचाने के लिए संकेत ने घटना को नाटकीय मोड़ दिया। उसका कहना था कि घटना के दिन वह ड्यूटी पर जाने की तैयारी कर रहा था। पैर पर एक चूहे के कूदने से वह चौंक गया।

उसकी सर्विस रिवाल्वर नीचे गिरी और उससे गोली चल गई, जो की एक पैर से दूसरे पैर में जा फंसी। उसने यह भी बताया था कि घटना के बाद उसने गीता और विरसेन ढवले को फोन कर बुलाया। उनकी मदद से पत्नी कोमल ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर सुधीर देशमुख ने उसका इलाज किया। प्रकरण को बजाज नगर थाने में दर्ज किया गया था, मगर बजाज नगर पुलिस ने मामले को दबाने की हरसंभव कोशिश की। मामले को दबाने के लिए ही उक्त लोगों ने झूठे बयान दर्ज कराए। इस बीच प्रकरण की गंभीरता से पुलिस आयुक्त ने इसकी जांच अपराध शाखा को सौंपी।

गवाह के तौर पर आरोपी गीता, उसका पति अभिजीत मांजरे, संकेत, कोमल, विरसेन के झूठे बयान का खुलासा हुआ। पुलिस ने दो-तीन बार आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया। उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था। इससे विरसेन ने घटित वाक्या बताया। पुलिस ने यह सभी जानकारी संबंधित कोर्ट को बताई। स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला देकर संकेत पूछताछ से बचते रहा है। वह कोर्ट में भी नहीं गया था। घटित प्रकरण का पूरा वाकया पुलिस ने कोर्ट को बताया। गीता को धारा 307 के तहत संकेत की हत्या का प्रयास करने का आरोपी बनाया गया है, जबकि संकेत को सबूतों से छेड़छाड़ करने के कारण धारा 201 में सह आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तारी के डर से गीता और संकेत ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर मंगलवार को फैसला होने की संभावना है।

धमकी देने का एक और मामला

नरेंद्र वसंत शर्मा नामक व्यक्ति ने गीता शेजवाल के खिलाफ फोन पर धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका में हस्तक्षेप करने के लिए उसे धमकी दी है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 506 के तहत गैर संज्ञेय अपराध दर्ज किया है।

विवादों से पुराना नाता

गीता का हमेशा विवादों से नाता रहा है। फर्जी दस्तावेज बनाने का भी उस पर आरोप लगा था। चल-अचल संपत्ति के जांच के मामले में दो बार एसीबी ने उसे निलंबित करने की भी मांग की थी।

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