अनदेखी: जनसंख्या के हिसाब से स्वास्थ्य केंद्रों की कमी , जनता की सेहत पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

जनसंख्या के हिसाब से स्वास्थ्य केंद्रों की कमी , जनता की सेहत पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
  • नागपुर जिले की आबादी 25 लाख से ऊपर पहुंची
  • 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 50 उप स्वास्थ्य केंद्रों की कमी
  • जिले में आपला दवाखाना शुरू होने से थोड़ी राहत मिली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य केंद्र कम होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में जिले की आबादी 25 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। 2011 में जनगणना के आधार पर अनुमानित आबादी 19 लाख से अधिक थी। 13 साल में आबादी 6 लाख से बढ़ चुकी है। 2011 से अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 64 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 366 उप स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकता बताई गई थी। जिले में 53 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 316 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, जबकि 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 50 उप स्वास्थ्य केंद्रों की कमी बताई जा रही है। जिले में आपला दवाखाना शुरू होने से थोड़ी राहत मिली है।

चाहिए 11 प्राथमिक व 50 उप स्वास्थ्य केंद्र : सूत्रों से प्राप्त जानकारी क अनुसार गैर आदिवासी क्षेत्र में 30 हजार आबादी के पीछे एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। वैसे ही 5 हजार जनसंख्या के पीछे एक उप स्वास्थ्य केंद्र का होना जरूरी है। वहीं आदिवासी क्षेत्र में 20 हजार आबादी के पीछे एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 3 हजार आबादी के पीछे एक स्वास्थ्य उपकेंद्र होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में आबादी के हिसाब से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उपकेंद्र कम है। बताया जाता है कि इस समय ग्रामीण क्षेत्र में 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 50 उप स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है।

रुकता रहा काम... 4 स्टेप्स में समझें

कुछ साल पहले जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों की कमी को देखते हुए नए केंद्र तैयार करने के लिए प्रस्ताव भेजने पर विचार किया गया था, लेकिन पहले से मनुष्यबल की कमी होने से नये केंद्र के प्रस्ताव तैयार नहीं किये जा सके।

स्वास्थ्य सेवा का अनुशेष भरने के लिए जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शरद डोणेकर ने प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू हुए थे। बाद में पूर्व उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे ने पदभार संभालकर रुके हुए कार्यों को गति देने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया था।

कोरोनाकाल शुरु हाेने से विकासकार्य रुक गए। कोरोना को देखते हुए इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए उपाय योजना पर काम किया गया। कोरोनकाल के दौरान 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू किये गए।

हाल ही में सरकार ने विविध योजनाओं अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्र शुरू किये हैं। इसमें आपला दवाखाना अंतर्गत शहर में एक व ग्रामीण में 11 केंद्र शुरू हुए है। इन केंद्रों से थोड़ी राहत मिली है। बावजूद बढ़ती आबादी के हिसाब से स्वास्थ्य केंद्र व मनुष्यबल की कमी महसूस की जा रही है।



Created On :   2 July 2024 10:32 AM GMT

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