Nagpur News: गोरेवाड़ा अफ्रीकन सफारी के लिए 513 करोड़ रुपए मंजूर

गोरेवाड़ा अफ्रीकन सफारी के लिए 513 करोड़ रुपए मंजूर
  • पीडब्ल्यूडी करेगा विकास
  • पर्यटकों को करेगा आकर्षित
  • पहले से मौजूद है वन्यजीव

Nagpur News वर्षों पहले गोरेवाड़ा में अफ्रीकन सफारी की घोषणा हुई थी। अब तक निधि के अभाव में इसका काम रुका था। हाल ही में इसके लिए 513 करोड़ की राशि मंजूर हुई है। ऐसे में जल्द ही इसका काम शुरू होने वाला है। इसके विकास कार्य का जिम्मा पीडब्ल्यूडी विभाग को दिया जाने वाला है। इस विभाग के माध्यम से आकर्षक अफ्रीकन सफारी बनाई जाने वाली है।

प्रक्रिया अटकी पड़ी थी : नागपुर शहर से कुछ ही दूरी पर हरियाली से अच्छादित गोरेवाड़ा परिसर है, जहां पहले से वन्यजीव मौजूद हैं। वर्ष 2016 में इसे पर्यटक हब बनाने की घोषणा हुई है। यहां परिसर बहुत बड़ा होने से पहले इंडियन सफारी व इसके बाद अफ्रीकन सफारी बनाने का लक्ष्य रखा गया था। वर्तमान में यहां 115 हेक्टेयर पर इंडियन सफारी साकार किया जा चुका है। इसमें बाघ, भालू, तेंदुए व हर्बीओवर की सफारी शामिल है। इसके बाद विभाग को यहां पर अफ्रीकन सफारी को भी साकार करना था, लेकिन लंबे समय से यह प्रक्रिया अटकी पड़ी थी।

अब काम होगा शुरू : अब राज्य सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। कुल 513 करोड़ मंजूर किए गए हैं। कुल 63 हेक्टेयर पर अफ्रीकन सफारी साकार किया जाने वाला है। पूरे देश भर के जू से चुन-चुन कर अफ्रीकन वन्यजीवों को लाया जाएगा। जो अफ्रीकन वन्यजीव यहां नहीं मिलेंगे। उन्हें विदेश से लाया जाएगा। देश में पहली इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सफारी यहां बनने से नागपुर का आकर्षण निश्चित तौर पर बढेगा। इसके अलावा यहां पर वॉकिंग ट्रेल का काम भी लगभग पूरा हो गया है। आने वाले कुछ ही समय में पर्यटकों को यहां इंडियन सफारी के साथ वॉकिंग ट्रेल व अफ्रीकन सफारी का लुत्फ उठाने का मौका मिलने वाला है।

35 अफ्रीकी वन्यजीव रहेंगे : अफ्रीकन सफारी में कुल 35 अफ्रीकी वन्यजीवों को रखा जाएगा। इसमें लेमूर, मीरकट, अफ्रीकन वाइल्ड डॉग, कुडु, इंपाला, ऑस्ट्रिच, हिप्पोपोटेमस, जिराफ, जेब्रा, बबून, चिंपाजी, अफ्रीकन शेर आदि होंगे।

इस तरह रहेगी व्यवस्था : वर्तमान में इंडियन सफारी में कुल चार पार्ट बने हैं। हर एक पार्ट में अलग वन्यजीव रखे गये हैं, लेकिन अफ्रीकन सफारी में एक ही पार्ट रहेगा, जिसमें शेर से लेकर जेब्रा-जिराफ भी नजर आएंगे। शेरों के लिए अलग ‘आइलैंड’ बनेगा। उसके आस-पास विद्युत प्रवाह की सीमा रहेगी, लेकिन वह पर्यटकों को नजर नहीं आएगी। सैलानियों को ऐसा लगेगा जैसे शेर कभी भी गाड़ी के पास आ सकता है।

Created On :   3 Dec 2024 11:50 AM IST

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