रिक्त पद: नागपुर महानगर पालिका में प्रशासक राज : पद खाली, अधिकांश अधिकारी हैं प्रभारी

  • प्रशासन ने नगरविकास विभाग को कई बार भेजा पत्र, नहीं मिला जवाब
  • कई अधिकारी हो रहे हैं रिटायर
  • पिछले 20 सालों से नहीं हुई भर्ती

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-21 06:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले दो साल से आला अफसरों और अभियंता के अभाव में मनपा प्रशासन के बुरे हाल हैं। कई महत्वपूर्ण पदों पर प्रभारी अधिकारी होने से काम प्रभावित हो रहा है। अतिरिक्त आयुक्त के रूप में दो प्रशासकिय अधिकारी और एक उपायुक्त को पदोन्नति प्रस्तावित है, लेकिन इनमें से केवल दो ही अतिरिक्त आयुक्त कार्यरत हैं। यही स्थिति 7 उपायुक्त पद को लेकर है। राज्य सरकार से प्रतिनियुक्ति पर 3 प्रतिनियुक्ति और मनपा के आंतरिक पदोन्नति से 4 पद भरे जाना है, लेकिन यह चारों पद रिक्त पड़े हैं। 3 प्रतिनियुक्ति के उपायुक्त निर्भय जैन, रवींद्र भेलावे और विशाल वाघ पर भी कई पद का अतिरिक्त प्रभार है। मनपा में प्रशासकीय व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए 22 सहायक आयुक्त के पद को मंजूरी दी गई है, लेकिन केवल 8 ही पद पर अधिकारी के रूप में मिलिंद मेश्राम, पुष्पगंधा भगत, विजय हुमने, हरीश राऊत, गणेश राठोड़, महेश धामेचा, घनश्याम पंधरे और प्रकाश वराड़े मौजूद हैं। इन 8 में से भी धंतोली जोन के सहायक आयुक्त विजय हुमने इस माह रिटायर हो रहे हैं, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के महेश धामेचा मई माह में रिटायर होने वाले हैं। मनपा प्रशासन से नगरविकास विभाग को रिक्त पद के लिए कई बार पत्र भेजा गया, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है।

अधिकारियों की 20 साल से पदभर्ती नहीं : मनपा के आंकड़ों की माने तो पिछले 20 साल से अधिकारी पद पर नियुक्ति अथवा पदभर्ती नहीं हुई है। साल 2004 में कार्यकारी अभियंता और सहायक आयुक्तों की पदभर्ती हुई थी। इसके बाद से कोई भी भर्ती प्रक्रिया नहीं हुई है। साल 2012 में पिछड़ा वर्ग के अनुशेष को पूरा करने और साल 2018 में अग्निशमन कर्मचारियों की पदभर्ती हुई, लेकिन कार्यकारी अभियंता और सहायक आयुक्त वर्ग के अधिकारी नहीं मिल पाएं हैं। दो साल पहले आंतरिक पदोन्नति में करीब 8 उपअभियंता को कार्यकारी अभियंता के रूप में पदोन्नति मिली है। हालांकि, लगातार सेवानिवृत्ति हाेने और नई पदभर्ती नहीं होने से जोन कार्यालयों में भी प्रभारी अधिकारी ही कामकाज संभाल रहे हैं।

प्रभारी के भरोसे कई विभाग : मनपा प्रशासन में कई महत्वपूर्ण विभागों में प्रभारियों के भरोसे काम चल रहा है। पिछले करीब 5 साल से उद्यान विभाग अधीक्षक के रूप में निरीक्षक अमोल चोरपगार काम संभाल रहे हैं। दूसरी ओर जुलाई माह में शिक्षा विभाग में मुख्याध्यापक साधना सयाम को प्रभारी शिक्षणाधिकारी का पद सौंपा गया। विद्युत विभाग में अजय मानकर के नवंबर माह में सेवानिवृत्त होने के बाद से लक्ष्मी नगर के कनिष्ठ अभियंता पदभार संभाल रहे हैं। यही स्थिति स्वास्थ्य विभाग में भी है। मनपा मुख्यालय में स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में डॉ. नरेन्द्र बहिरवार और मलेरिया और फाइलेरिया अधिकारी के दो पद मनपा के आइसोलेशन अस्पताल की डॉ. मंजूषा मठपति संभाल रही हैं। इन सभी पदों के लिए राज्य सरकार से अधिकारी मांगे गए हैं, लेकिन कई माह बीतने के बाद भी अधिकारी नहीं मिल पाए हैं।

15 दिन में अधिकारी मिलने की उम्मीद : मनपा प्रशासन ने कई बार अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर पत्र भेजा गया है। दो माह पहले भी नगरविकास विभाग को पत्र भेजकर रिक्त पदों के लिए अधिकारी देने का निवेदन दिया है। अगले 15 दिनों में महत्वपूर्ण रिक्त पदों के लिए अधिकारी मिलने की संभावना हैं। -महेश धामेचा, सहायक आयुक्त, सामान्य प्रशासन विभाग, मनपा

तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के 6,430 पद रिक्त : शहर के बढ़ते दायरे और जनसंख्या के अनुपात में मनपा प्रशासन ने राज्य सरकार को आकृतिबंध सौंपा है। इस आकृतिबंध के मुताबिक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी को मंजूरी देने का प्रस्ताव दिया गया है। पिछले कई सालों से मनपा में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी मंजूर पद संख्या 9321 है, जबकि इसमें से 2891 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। करीब 6430 पद रिक्त हैं। नए आकृति बंध में 17981 पद को मंजूर करने की मांग की गई है।

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