शिक्षा: शिक्षा विभाग का संपूर्ण अमला सर्वेक्षण में व्यस्त , विद्यार्थी भगवान भरोसे
- मराठा आरक्षण आंदोलन ने राज्य सरकार की उड़ाई नींद
- परीक्षा के मुहाने शिक्षा होगी प्रभावित
- स्कूलों को हो सकती है छुट्टी घोषित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मराठा आरक्षण आंदोलन ने राज्य सरकार की नींद उड़ा दी है। सरकार से आश्वासन मिलने पर भी मराठा समाज आंदोलन की भूमिका से कदम पीछे लेने के लिए तैयार नहीं है। 26 जनवरी से मनोज जरांगे मुंबई के आजाद मैदान में अनशन पर बैठने पर अड़े हैं। उधर सरकार ने मराठा समाज को विश्वास दिलाने के लिए सर्वेक्षण का कालबद्ध कार्यक्रम घोषित किया है। 23 से 31 जनवरी तक सर्वेक्षण किया जाएगा। इस काम में शिक्षा विभाग के मुख्याध्यापक से लेकर सिपाही तक की सेवा अधिगृहीत की गई है। शिक्षा विभाग का संपूर्ण अमला सर्वेक्षण में व्यस्त हो जाने पर विद्यार्थी 10 दिन भगवान भरोसे हो जाएंगे।
स्कूलों को अघोषित छुट्टी : मुख्याध्यापक, शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी सर्वेक्षण में जुट गए हैं। कुछ स्कूलाें में मुख्याध्यापक को छोड़ अन्य सभी कर्मचारियों की सेवा सर्वेक्षण के लिए अधिगृहीत की गई है। सर्वेक्षण में जिला परिषद, नप, मनपा के साथ ही निजी अनुदानित स्कूलों के अधिकांश तथा स्वयं अर्थसहाय स्कूलों के कुछ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं रहने पर स्कूलों को अघोषित छुट्टी रहने की प्रबल संभावना है।
मुख्यालय से 30-40 किमी पर नियुक्ति : शिक्षकों की मुख्यालय से 30-40 किलोमीटर अंतर पर सर्वेक्षण के लिए नियुक्ति की गई है। प्रत्यक्ष सर्वेक्षण की शुरुआत 23 जनवरी से होगी। प्रगणक व पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण की रविवार से शुरुआत हो गई है।
एक प्रगणक पर 100 परिवार का सर्वेक्षण : सर्वेक्षण के लिए नियुक्त प्रगणक पर 100 परिवारों से मिलकर संपूर्ण जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी है। सर्वेक्षण का नमूना जारी किया गया है, उसमें परिवार से संबंधित 182 प्रश्न है। मराठा-कुनबी, कुनबी-मराठा और मराठा परिवार की सर्वेक्षण नमूने में पूछी गई संपूर्ण जानकारी भरनी होगी। उसके अलावा अन्य समुदाय के परिवारों की संक्षिप्त जानकारी पूछी जाएगी।
पूर्व नियोजित पिकनिक, क्रीड़ा स्पर्धा पर संकट: अनेक स्कूलों की पिकनिक तथा क्रीड़ा स्पर्धा पूर्व नियोजित है। अचानक मराठा सर्वेक्षण का फरमान जारी होने से पूर्व नियोजित पिकनिक व क्रीड़ा स्पर्धा के आयोजन संकट में आ गए हैं। नागपुर पंचायत समिति अंतर्गत सोनेगांव बोरी (रामा केंद्र) में 23 और 24 जनवरी को तहसील स्तरीय क्रीड़ा स्पर्धा का आयोजन किया गया है। सर्वेक्षण के लिए शिक्षकों की सेवा अधिग्रहित करने से क्रीड़ा स्पर्धा में कैसे सहभागीता दर्ज करें, इसे लेकर शिक्षक उलझन में हैं।
उम्रदराज शिक्षकों पर भी जिम्मेदारी : सर्वेक्षण के लिए नियुक्ति में शिक्षक कर्मचारियों की उम्र का ध्यान नहीं रखा गया। सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचे 55 वर्ष की आयु पार कर चुके शिक्षकों को प्रगणक तथा पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उम्र के साथ स्वास्थ्य साथ नहीं देने से उम्रदराज शिक्षकों में सर्वेक्षण की जिम्मेदारी को लेकर नाराजगी है।
शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं होगा : मराठा सर्वेक्षण के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से शिक्षकों की सेवा अधिग्रहित की गई है। तहसील कार्यालय से सीधे शिक्षकों को नियुक्ति आदेश दिए गए हैं, इसलिए सेवा अधिग्रहित शिक्षकों की निश्चित संख्या बता पाना मुश्किल है। शिक्षकों के सर्वेक्षण में जाने पर शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं होगा, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। -रोहिणी कुंभार, शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक), जिला परिषद