आंदोलन: पुरानी पेंशन के लिए कल विधान भवन पहुंचेंगे कर्मचारी

  • पेंशन जनक्रांति महामोर्चा मशाल यात्रा के साथ सेवाग्राम से रवाना
  • कल विधान भवन पहुंचेंगे कर्मचारी
  • 1 नवंबर 2005 से जूनी पेंशन बंद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-11 11:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जूनी पेंशन लागू करने की लंबे समय से लड़ाई लड़ी जा रही है। इस मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य जूनी पेंशन संगठन 12 दिसंबर को विधान भवन पहंुचेगा। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष वितेश खांडेकर के नेतृत्व में सेवाग्राम से मशाल मोर्चा नागपुर के लिए रवाना हुआ। सभी सरकारी कर्मचारियों को जूनी पेंशन लागू करने व पेंशन के लिए तारीख पे तारीख का सिलसिला थमने की मांग की जाएगी। राज्यभर के सरकारी कर्मचारी लाखों की संख्या में मोर्चा में सहभागी होकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। मांग पूरी नहीं होने पर संपूर्ण राज्य में वोट फॉर ओपीएस के माध्यम से सरकार के विरोध में जनजागरण किया जाएगा।

1 नवंबर 2005 से जूनी पेंशन बंद

सरकार पर पेंशन का आर्थिक बोझ बढ़ने का हवाला देकर 1 नवंबर 2005 से जूनी पेंशन बंद की गई है। उसे लेकर कर्मचारियों में असंतोष है। जूनी पेंशन पूर्ववत चालू करने की मांग को लेकर लंबे समय से लड़ाई जारी है। गत वर्ष 27 दिसंबर को मोर्चा निकाला गया था। राज्य के साढ़े 3 लाख कर्मचारी आंदोलन में सहभागी हुए। इस बार 3 गुना कर्मचारी मोर्चा में सहभागी होने का दावा राज्य सचिव गोंविद उगले ने किया है। सभी सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन का समर्थन किया है। मोर्चा के 3 दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई है। 10 दिसंबर को सेवाग्राम से मोर्चा रवाना हो चुका है। 11 दिसंबर को नागपुर पहुंचेगा। 12 दिसंबर को यशवंत स्टेडियम से निकलकर विधान भवन पर जा धमकेगा।

मांग पूरी होने तक लड़ाई जारी

पेंशन महामोर्चा के उपलक्ष्य में शुक्रवार को संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की। इस दरमिशन चर्चा में जूनी पेंशन लागू करने के पक्ष सकारात्मक निर्णय लेने हेतु आश्वस्त कर मोर्चा स्थगित करने का आह्वान किया गया। संगठन अपनी भूमिका पर अड़े रहकर जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक लड़ाई जारी रखने का तय किया है।

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