योजना टांय-टांय फिस्स: स्काउट, गाइड का ड्रेस सिलने माविम को मनाने का प्रयास कर रहा शिक्षा विभाग
- कपड़ा काटकर देने सप्लायर ने नहीं भेजा प्रतिनिधि
- स्थानीय बचत समूहों से सिलवाना था पर राजी नहीं
- सरकार से दिशा-निर्देश मांगने पर नहीं मिला प्रतिसाद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार की एक राज्य, एक शालेय गणवेश योजना पर छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्कूल खुलने पर पहले दिन गणवेश देने का वादा खोखला साबित हुआ। स्कूल खुलने के पांच दिन बाद कपड़ा पहुंचा। नियमित गणवेश दो महीने बाद विद्यार्थियों को मिल पाया। स्काउट, गाइड का गणवेश अभी तक सिलकर तैयार नहीं हुआ। स्थानीय महिला बचत समूहों से गणवेश सिलवाना था, लेकिन 100 रुपए में कोई भी बचत समूह गणवेश िसलकर देने के लिए राजी नहीं हुआ। अब शिक्षा विभाग महिला आर्थिक विकास महामंडल को गणवेश सिलकर देने के लिए मना रहा है। अभी तक सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिलने की जानकारी है। कपड़ा पहुंचकर पंचायत समिति स्तर पर पड़ा है। विद्यार्थियों के हाथ में गणवेश कब तक पहुंचेगा, इसका किसी के पास जवाब नहीं है।थान में आया कपड़ा, कांटने का पेंच फंसा
स्काउट, गाइड के गणवेश का कपड़ा थान में सप्लाई किया गया। विद्यार्थी संख्या के अनुसार थान से कपड़ा कांटकर स्कूलों को वितरण करना है। प्रति गणवेश कितना कपड़ा कांटना है, इसके बारे में कोई भी सूचना नहीं है। इस संबंध में स्कूलों ने जिला परिषद और जिला परिषद ने राज्य सरकार को दिशा-निर्देश मांगे। अभी तक सरकारी स्तर से कोई जवाब नहीं आया। वीडियो कांफ्रेंस मीटिंग में यह सवाल उपस्थित करने पर सप्लायर का प्रतिनिधि आकर कपड़ा काटकर देगा, यह बताया गया। अभी तक कपड़ा सप्लायर का प्रतिनिधि नहीं आने से कपड़ा कांटने का पेंच फंसा है।
बचत समूह 100 रुपए में तैयार नहीं
अनियमित गणवेश का कपड़ा काटकर सप्लाय किया गया। महिला आर्थिक विकास महामंडल से सिलवाया गया। बदले में प्रति गणवेश 110 रुपए दिए गए। स्काउट, गाइड का गणवेश स्थानीय महिला बचत समूह से सिलवाकर प्रति गणवेश 100 रुपए देने की सूचना दी गई थी। कोई भी महिला बचत समूह प्रति गणवेश 100 रुपए में िसलकर देने के लिए तैयार नहीं है। जिला परिषद की स्थायी समिति में स्काउट, गाइड का गणवेश नहीं मिलने का मुद्दा गूंजने पर गणवेश सिलवाने में आ रही समस्या से अवगत किया गया। स्थायी समिति ने गणवेश सिलाई की रकम बढ़ाकर देने का राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा। सरकारी स्तर पर उसे प्रतिसाद नहीं मिलने की जानकारी सामने आई है।
राज्य स्तर से गणवेश वितरण योजना टांय-टांय फिस्स
समग्र शिक्षा अंतर्गत सरकारी स्कूल के विद्यार्थियाें को हर साल दो गणवेश देने की योजना है। पहले स्थानीय स्तर पर शालेय प्रबंधन कमेटी को निधि देकर गणवेश वितरण किए जाते थे। इस वर्ष सरकार ने एक राज्य, एक गणवेश योजना लागू कर दी। राज्य स्तर पर सप्लायर नियुक्त कर गणवेश वितरण की योजना बनाई गई। सिलकर तैयार गणवेश वितरण करने में सप्लायर असमर्थ हो जाने पर कपड़ा सप्लाय करने का निर्णय लिया गया। महिला आर्थिक विकास महामंडल के साथ नियमित गणवेश सिलाई का करार हुआ। स्काउट, गाइड का गणवेश स्थानीय महिला बचत समूहों से सिलवाने की सूचना दी गई। महिला आर्थिक विकास महामंडल ने लेटलतीफ नियमित गणवेश सिलकर दिया। महिला बचत समूहों ने 100 रुपए में गणवेश सिलकर देने में असमर्थता जताने पर राज्य स्तर से गणवेश वितरण योजना टॉय-टॉय फिस्स हो गई।