नागपुर: नहीं मिल रहा पीने का पानी, फिर भी हजारों में आया पानी का बिल, दूर से लाते हैं

  • दूर से पानी लाने को मजबूर नागरिक
  • 50 यूनिट का बिल 15 से 16 हजार का
  • लीकेज के कारण जलापूर्ति स्थगित

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-09 12:45 GMT

डिजिटल डेस्क, बेसा। नगरपंचायत क्षेत्र के न्यू हनुमान नगर इलाके के लोगों के घरों में नल लाइन है, लेकिन नलों से नियमित जलापूर्ति नहीं होती। कभी सुबह के वक्त नलों में पानी आने पर कम दबाव में जलापूर्ति होती है। एक-दो गुंडी ही पानी मिल पा रहा है। यहां के महिला-पुरुष काम पर निकल जाने के बाद घर में कोई नहीं रहता। ऐसे समय नल में पानी आने पर पानी नहीं ले पा रहे हैं। नलों में पानी आने का समय निर्धारित नहीं होने के कारण लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। पीने तथा अन्य उपयोग के लिए पानी नहीं मिल रहा है। बावजूद इसके यहां के लोगों को एक माह का दस से बीस हजार रुपए तक बिल आ रहा है। इससे संबंधित प्रशासन के प्रति लोगों में रोष व्याप्त है। जिन लोगों के यहां नल के सिवाय पानी का कोई विकल्प नहीं है, उन लोगों को पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। इस क्षेत्र में बोरवेल है। बोरवेल में अधिक पानी है, लेकिन सड़क का सीमेंटीकरण किए जाने के कारण बोरवेल जमीन में धंस गई है। ऐसी स्थिति में बोरवेल का भी पानी नहीं भर पा रहे हैं। हालांकि महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग के संबंधित अधिकारियों की माने तो शंकरपुर में वॉटर प्लांट है। वहां की बड़ी पानी की पाइप लाइन लीकेज होने के कारण कुछ दिनों के लिए वाटर सप्लाय बंद रखे जाने का हवाला दे रहे हैं।

कम दबाव में आता है पानी

स्वाति पारधी के मुताबिक नलों में कम दबाव में पानी आता है, जिसके कारण पीने का पानी एक से दो गुंडी ही मिल रहा है। ऐसे में पानी भरने के लिए घंटों लगते हैं। अन्य उपयोग के लिए नल का पानी मिलने की अपेक्षा ही नहीं कर सकते। नलों में पानी पर्याप्त नहीं आता, लेकिन बिल हजारों में आ रहा है, जिसके कारण बहुत तकलीफ हो रही है।

पानी की समस्या जटिल

गौतम लोखंडे के मुताबिक नलों में पानी बहुत कम आता है, जिसके कारण पीने के पानी का इंतजाम जैसे-तैसे कर लेते हैं। नल के सिवाय घर में बोरवेल होने के कारण अन्य उपयोग के लिए उसका पानी उपयोग में आता है। नल है, लेकिन कोई फायदा नहीं है। पानी कम आता है, पर बिल महंगा आ रहा है, जिसके कारण भारी परेशानी हो रही है।

50 यूनिट का बिल 15 से 16 हजार का

रमेश रावंडे के मुताबिक नल का मीटर केवल 50 यूनिट चला, लेकिन बिल 15 से 16 हजार का आया है। इतना बिल एकदम से नहीं भर सकते। इसलिए बिल की रकम बढ़ती ही जा रही है। नलों में पानी छोड़ने का कोई समय न होने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। मध्यरात्रि नलों में पानी छोड़ते हैं। इस वक्त पानी भरना संभव नहीं होता। नलों में पानी छोड़ने के लिए निर्धारित समय रखना चाहिए।

दूर से पानी लाने को मजबूर

पानी का कोई विकल्प नहीं है। परिसर में बोरवेल है पर सड़क सीमेंटीकरण के कारण बोरवेल अंदर दब गई है, जिसके कारण बोरवेल का पानी नहीं निकाल पाते। ऐसे में बहुत दूर से पानी लाने को मजबूर है। तपती धूप में पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। नगरपंचायत ने बोरवेल को ऊपर उठाना चाहिए, ताकि बोरवेल का पानी उपयोग में लाया जा सके। -अशोक जाधव

लीकेज के कारण जलापूर्ति स्थगित

राजेश कानड़े, कार्यकारी अभियंता, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण पेरी का कहना है कि शंकरपुर से बेसा में जलापूर्ति की जाती है, लेकिन बड़ी पानी की पाइप लाइन लीकेज होने के कारण कुछ दिनों के लिए जलापूर्ति स्थगित की गई थी, जिसके कारण नलों में पानी नहीं आया। तपिश के कारण लोगों को अधिक पानी की जरूरत पड़ रही है, जिससे पानी कम मिल रहा है।


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