असुविधा: पार्क बंद, मानवाधिकार आयोग ने मनपा आयुक्त को भेजा नोटिस , 11 मार्च को पेश होने के आदेश

  • इंदोरा में सार्वजनिक पार्क का मामला
  • नागरिकों ने दायर की है याचिका
  • 54 लाख रुपए खर्च कर पार्क का किया निर्माण

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-09 06:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर । शहर के इंदोरा परिसर की ठवरे कॉलोनी स्थित सार्वजनिक पार्क बंद रहने को लेकर नागरिकों ने मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की। इस याचिका पर मानवाधिकार आयोग ने नासुप्र प्रशासन के साथ ही मनपा आयुक्त को 11 मार्च को आयोग के समक्ष पेशी का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस आयोग के अध्यक्ष जस्टिस के के तातेड़ ने जारी किया है।

यह लगाया आरोप : मामले में आयोग के समक्ष जरीपटका निवासी राजीव खोब्रागड़े समेत अनेक नागरिकों ने याचिका दायर की है। इस याचिका में बताया गया है कि पिछले 2 साल से इंदोरा परिसर के ठवरे कॉलोनी में सार्वजनिक पार्क को बंद कर दिया गया है, जबकि मनपा प्रशासन की ओर से सार्वजनिक निधि से 54 लाख रुपए खर्च कर पार्क का निर्माण किया गया है। प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी के चलते बुरे हाल में होने से नागरिकों के लिए बंद पड़ा है।

दो साल से पार्क बंद होने से नागरिकों को भीतर पहुंचने के लिए सुरक्षा दीवार लांघकर और तार काट कर जाना पड़ रहा है। नागरिकों के कर से निर्मित पार्क को बंद करने से संविधान के मौलिक अधिकार 21 नियमावली का उल्लंघन हो रहा है। मानवाधिकार आयोग की ओर से 11 मार्च की सुबह 11 बजे मनपा आयुक्त और नासुप्र के अधिकारियों को उपस्थित रहने के लिए नोटिस भेजा गया है।

निजी पैथोलॉजी से खून की जांच कोर्ट ने कहा- पूरी छानबीन करें :   शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खराब हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। मामले पर गुरुवार को हुई सुनवाई में न्यायालय मित्र एड. अनूप गिल्डा ने दावा किया कि मेयो अस्पताल में भर्ती मरीजों को निजी पैथोलॉजी से खून की जांच करानी पड़ती है। यह गरीब मरीजों की लूट है। कोर्ट ने मामले की छानबीन करने व पूरी जानकारी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

अधिष्ठाता को भी बनाया प्रतिवादी : जनहित याचिका पर गुरुवार को न्या. अविनाश घरोटे और न्या. एम. एस. जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट ने मेयो के अधिष्ठाता को भी इस मामले में प्रतिवादी बनाया है। राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील फिरदौस मिर्जा, एड. डी. पी. ठाकरे ने पैरवी की।

...तो सख्त आदेश जारी करेंगे : कोर्ट ने कहा कि मेयो के पास एक अलग पैथोलॉजी होने के बावजूद ऐसा कुछ हो रहा, इस पर हमें विश्वास नहीं हो रहा है। अगर ऐसा है, तो यह बेहद गंभीर मामला है। इसका संज्ञान लेते हुए सख्त आदेश जारी करने होंगे।



 

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