नागपुर: आशा वर्कर और प्रवर्तकों ने की सरकार विरोधी नारेबाजी

  • 3 हजार से ज्यादा सहभागी
  • सरकार विरोधी लगाए नारे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-20 11:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर. आशा वर्कर और समूह प्रवर्तकों ने संविधान चौक में सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए। 26 हजार रुपए वेतन और ऑनलाइन डाटा एंट्री की सख्ती के विरोध में बेमियादी हड़ताल शुरू है। गुरुवार को हड़ताल का दूसरा दिन था। संपूर्ण राज्य में आशा वर्कर और समूह प्रवर्तक हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवा गड़बड़ा गई है।

3 हजार से ज्यादा सहभागी

संविधान चौक में आंदोलन के दूसरे दिन 3 हजार से ज्यादा आशा वर्कर और समूह प्रवर्तक सहभागी हुए। आयटक के राज्य महासचिव श्याम काले ने आंदोलन का नेतृत्व किया। आयटक के जिला सचिव सी. एम. मोर्य, रिजर्व बैंक कर्मचारी नेता वी.वी. आसई, राज्य कर्मचारी संगठन के अशोक दगड़े, जनरल इंश्योरेंस कर्मचारी संगठन के प्रशांत दीक्षित, आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन की ज्योति अंडरसहारे, किसान सभा के अरुण लाटकर आदि ने आंदोलन का समर्थन किया। आंदोलनकारी के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी डॉ. विपीन इटनकर से मिलकर मांगों का ज्ञापन सौपा।

यह हैं मांगें

आशा वर्कर और समूह प्रवर्तकों को न्यूनतम 26 हजार वेतन।

ऑनलाइन डाटा एंट्री की सख्ती से मुक्ति।

आशा वर्कर और समूह प्रवर्तकों को सुपरवाइजर की पहचान और संविदा कर्मचारियों में समायोजन।

अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर दिवाली बोनस की अदायगी।

आंगनवाड़ी कर्मचारियों की तरह प्रसूति अवकाश दें।

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