विधानसभा: चिट फंड सुधार विधेयक विधानसभा में पारित, अपीलों के निपटारे में आएगी तेजी
- आर्थिक अपराध पर नकेल कसने बनेगी आर्थिक इंटेलिजेंस व्यवस्था: फडणवीस
- रायगड में रकम दोगुना करने के नाम धोखाधड़ी पर होगी कड़ी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने चिट फंड (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक पेश किया । जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इस बिल के पारित होने से अपीलीय शक्तियां हस्तांतरित होने से अपील के निपटारे में देरी नहीं होगी, जिससे अपीलकर्ता का समय बचेगा।
बिल पेश करते हुए अजित पवार ने कहा कि सभी चिट फंड को सरकार चिट फंड अधिनियम 1982 के माध्यम से विनियमित करती है। इस अधिनियम में संशोधन के लिए यह विधेयक लाया गया है। फिलहाल वित्त मंत्री के पास अपील का अधिकार है।
संयुक्त रजिस्ट्रार को अपीलीय सुनवाई अधिकार
कई बार वित्त मंत्री के व्यस्त कार्यक्रम के कारण उन्हें अपीलों पर कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा सकता। इस पृष्ठभूमि में, प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अपील की शक्ति संयुक्त रजिस्ट्रार के अधिकारियों को दी गई है। अजित ने आगे कहा कि कभी-कभी चिट फंड चलाने के दौरान विवाद उत्पन्न हो जाते हैं, उस समय चिट फंड चलाने वाली कंपनियां धारा 69 के तहत राज्य कर विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार के पास जाती हैं।
सशक्त करेंगे संरक्षण अधिनियम 1999
रायगड के उरण में 30 से 50 दिनों में रकम दोगुनी कर सैकड़ों लोगों को करीब 39 करोड़ रुपए की चपत लगाने का मामला विधानसभा में उठा। भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर के सवाल के जवाब में गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए जमाकर्ता संरक्षण अधिनियम 1999 को और सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए 3 महीने की अवधि में एक कमेटी नियुक्त की जाएगी जो इसका अध्ययन करेगी। फडणवीस ने सूचित किया कि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से नौ करोड़ रुपए नकद और 10 करोड़ रुपए बैंक खातों में जब्त किए गए हैं। जमाकर्ताओं के पैसे को लौटाने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। फडणवीस में कहा कि आर्थिक अपराध पर नकल कसने के लिए इस तरह के मामले में एक विशेष आर्थिक इंटेलिजेंस व्यवस्था तैयार की जाएगी। इस चर्चा में विधायक अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोरात, रवींद्र वायकर और नाना पटोले ने भाग लिया।