आंगनवाड़ी: बेमियादी हड़ताल, मानधन बढ़ाने व अन्य मांगों पर आइटक के नेतृत्व में आंदोलन
- राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी सुरक्षा संघ हड़ताल से बाहर
- मानधन बढ़ाने व अन्य मांगों पर आइटक के नेतृत्व में आंदोलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. आंगनवाड़ी कर्मचारी आइटक के नेतृत्व में 4 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल करेंगे। अांगनवाड़ी सेविका को 26 हजार और सहायकों को 20 हजार रुपए मानधन देने, महिला व बाल विकास मंत्री के साथ हुई चर्चा में मान्य किया गया बिना योगदान मासिक निर्वाह भत्ता सेवा समाप्ति के बाद लौटाने के लिए विधानमंडल के शीतसत्र में मंजूर करने, मनपा सीमा क्षेत्र में आंगनवाड़ियों का किराया 5 से 8 हजार रुपए मंजूर करने आदि मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
75 फीसदी आंगनवाड़ियां रहेंगी बंद
आंगनवाड़ी कर्मचारियों के 6 संगठन हैं। आंगनवाड़ी कर्मचारियों की मांगों को लेकर कृति समिति का गठन किया गया है। उसमें 5 संगठन सहभागी हैं। इन संगठनों से जुड़े कर्मचारी आंदोलन में सहभागी होने से शहर तथा जिले की 75 फीसदी आंगनवाड़ियां बंद रहेंगी। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 2212 और शहर में लगभग डेढ़ हजार आंगनवाड़ियां हैं।
रिपोर्ट नहीं भेजेंगे : आइटक संगठन के राज्य सचिव श्याम काले ने बताया कि 4 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल की जाएगी। नवंबर महीने की प्रगति रिपोर्ट तथा बैठकों का ब्योरा भी विभाग को नहीं दिया जाएगा। जब तक उनकी मांगें मंजूर नहीं होंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
कामगार भवन, बैद्यनाथ चौक में राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी सुरक्षा संघ की बैठक में हड़ताल से बाहर रहने का निर्णय लिया गया। संगठन के चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया कि फरवरी महीने में सभी संगठनों ने एकजुट दिखाकर 9 दिन आंदोलन किया था। उस समय महिला व बाल कल्याण मंत्री के साथ सकारात्मक चर्चा हुई। उनकी मांगों को मान्य कर यथाशीघ्र अमल में लाने का आश्वासन दिया गया था। 28 नवंबर को मुंबई में विधायक कपिल पाटील के नेतृत्व में पुन: बैठक हुई। विभाग की मंत्री अदिति तटकरे ने प्रस्ताव तैयार करने के विभाग के सचिव को निर्देश दिए हैं। सरकार का सकारात्मक प्रतिसाद मिलने से 4 दिसंबर को शुरू हो रही हड़ताल में सहभागी नहीं होने का निर्णय लिया है। लीला मेहर-रामटेके की अध्यक्षता में हुई बैठक में कौतिक परतेती, रानू शेंडे, सुजाता नागदिवे, छबू गुरव, वसुधा बानाइत, यशोदा पटले, शकुंतला लेंडे, दीप्ति बेंडे, वर्षा टाकलीकर, सुरेखा मेश्राम, कविता शेंदरे आदि उपस्थित थे।