निर्देश: मैनपावर की जानकारी तुरंत नहीं देने पर होगी विभाग प्रमुख पर कार्रवाई- डॉ. इटनकर
- जिला प्रशासन लगा विधान सभा चुनाव की तैयारी में
- तिथि बीत जाने के बाद भी कुछ विभागाध्यक्षों ने नहीं दी जानकारी
- लोक सभा चुनाव में आया बुरा अनुभव
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिलाधीश डॉ. विपिन इटनकर ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिले के 12 विधानसभा क्षेत्रों के शासकीय, अर्धशासकीय, स्कूल, कॉलेज, निगम आदि संस्थानों एवं कार्यालयों में कार्यरत मैनपावर (मनुष्यबल) की जानकारी तुरंत जिलाधीश कार्यालय को देने के आदेश दिए है। तय प्रोफार्म में तुरंत जानकारी नहीं देनेवाले विभाग प्रमुखों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। जिला प्रशासन विधान सभा चुनाव के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने में लग गया है। सभी विभाग प्रमुखों को अपने कार्यालयों के कर्मचारियों की जानकारी देने को कहा गया है ताकि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार मैनपावर उपलब्ध कराई जा सके। इसकी अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी कुछ विभागाध्यक्षों ने कार्यालय के कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में जमा नहीं की है। जिन कार्यालयों की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है, यदि वे शीघ्र जानकारी प्रस्तुत नहीं करेंगे तो कार्यालय प्रमुखों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी जिलाधीश डॉ. विपिन इटनकर द्वारा दी गई हैै।
इस महीने का वेतन रोक देंगे
जिलाधीश डॉ. इटनकर ने चेताया कि मैनपावर की जानकारी तय प्रोफार्म में नहीं देनेवाले सरकारी, अर्धसरकारी, स्कूल, कॉलेज, निगम आदि के विभाग प्रमुखों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसीतरह सितंबर 2024 का वेतन भुगतान सरकारी खजाने में स्वीकार नहीं किया जायेगा। कार्रवाई के साथ ही वेतन भी रोक दिया जाएगा।
जानकारी सही एवं उचित प्रोफार्म में प्राप्त हो, इसके लिए जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट https://nagpur.gov.in पर उक्त जानकारी प्रस्तुत करने हेतु एक्सेल एवं एचओडी सर्टिफिकेट का नमूना सभी को उपलब्ध करा दिया गया है। इस लिंक पर जाकर जिलाधीश नागपुर के कार्यक्षेत्र में आने वाले सरकारी, अर्ध-सरकारी और अन्य कार्यालयों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की सटीक जानकारी निर्धारित प्रारूप में सॉफ्ट कॉपी आैर प्रत्यक्ष रूप से जिलाधीश कार्यालय में जमा करनी होगी।
लोक सभा चुनाव में आया बुरा अनुभव
लोक सभा चुनाव के पहले भी जिलाधीश ने जिले के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, स्कूल, कालेज व महामंडलों को उनके यहां पदस्थ सभी अधिकारी-कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। कुछ विभागों ने अपने सभी अधिकारी-कर्मचारियों की जानकारी नहीं दी थी। अधिकारियों के करीबी खास कर्मचारियों की जानकारी छिपाने व खास कर्मचारियों को कार्यालय के अन्य कामों में व्यस्त बताया गया था। कुछ ऐसे भी कार्यालय थे, जिनके अधिकांश कर्मचारी चुनाव आयोग की दुहाई देकर चुनाव ड्यूटी से बच गए थे।