इंकार: निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को राशि बढ़ोतरी व 5 हजार की वित्तीय सहायता नहीं

निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को राशि बढ़ोतरी व 5 हजार की वित्तीय सहायता नहीं
  • हाई कोर्ट में सरकार का पक्ष
  • कहा मांग न्याय संगत नहीं
  • वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिमाह 1500 रुपए मिल रहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सहायता को लेकर जनहित याचिका प्रलंबित है। इस मामले में राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह 5 हजार रुपए की वित्तीय सहायता और हर साल इस राशि में 500 रुपए की बढ़ोतरी की मांग न्याय संगत नहीं है, इसलिए इस मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

गुजारा करना मुश्किल : नागपुर खंडपीठ में शिक्षाविद हेरंब कुलकर्णी और सामाजिक कार्यकर्ता महेश पवार ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, इस महंगाई के दौर में वरिष्ठ नागरिकों को मौजूदा पेंशन से अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। 2020 में देश में महंगाई दर 6.2 फीसदी था। इसमें और बढ़ोतरी हुई है। सभी नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है, इसलिए याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कोर्ट इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करे।

अगली सुनवाई 16 जुलाई को : इस मामले में न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने शपथपत्र दायर किया। इस शपथपत्र के अनुसार, राज्य सरकार वर्तमान में श्रावण बाल सेवा राज्य पेंशन योजना के तहत विभिन्न मानदंडों को पूरा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिमाह 1500 रुपए तक की सहायता कर रही है। शुरुआत में इन्हें 600 रुपए तक की सहायता की जाती थी। राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए समय-समय पर इसमें वृद्धि की गई, लेकिन राज्य की वर्तमान वित्तीय क्षमता के अनुसार याचिकाकर्ताओं की मांगें स्वीकार नहीं की जा सकतीं। कोर्ट ने राज्य सरकार का शपथपत्र रिकॉर्ड पर लेते हुए इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को तय की है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. स्मिता सिंगलकर ने पैरवी की।

Created On :   29 Jun 2024 10:48 AM GMT

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