कार्रवाई: सुपारी कारोबारी के गोदाम से 15 टन माल जब्त, सड़ी सुपारी की आशंका, एफडीए को सूचना पत्र
- सड़ी सुपारी की आशंका, पुलिस ने एफडीए को भेजा सूचना पत्र
- यशोधरानगर और कामठी पुलिस ने संयुक्त रूप से मारा छापा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. उत्तर नागपुर के यशोधरा नगर क्षेत्र के अनुसया नगर में एक गोदाम पर पुलिस ने छापेमारी कर करीब 15 टन सुपारी जब्त किया। बताया जाता है कि यह सब सड़ी हुई सुपारी है। यशोधरानगर और कामठी पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। शहर में सड़ी सुपारी के कारोबार में कई सुपारी कारोबारी लिप्त बताए जा रहे हैं। पुलिस विभाग ऐसे कारोबारियों पर लगातार शिकंजा कस रही है। यशोधरानगर के अनुसया नगर में राजीव गांधी उड़ान पुल के पास शनिवार को यशोधरानगर पुलिस और कामठी पुलिस ने विनस ट्रेडर्स नामक गोदाम पर छापेमारी कर करीब 1500 किलो सुपारी जब्त किया। सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने कार्रवाई के बाद एफडीए को सूचना पत्र भेज दिया है। खबर लिखे जाने तक एफडीए की टीम नहीं पहुंची थी। जब्त सुपारी को यशोधरानगर थाने में रखा गया है। विनस ट्रेडर्स के संचालक का नाम असलम भाई बताया गया है। इसके खिलाफ लंबे समय के बाद कार्रवाई हुई है। असलम की तरह कई सुपारी कारोबारी सड़ी सुपारी के अवैध कारोबार में लिप्त है। सड़ी सुपारी को पान दुकानों और सैकड़ों गुटखा कंपनियों के माध्यम से आम जनता को खिलाई जा रही है। इस सड़ी सुपारी के सेवन से कैंसर की आशंका 300% बढ़ जाती है। इस आेर एफडीए का पूरा ध्यान नहीं होने के कारण अवैध सुपारी का यह कारोबार नागपुर में जोर पकड़ रहा है।
ईडी ने कारोबारी लक्ष्मी कौशिक को किया गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी लक्ष्मी नारायण कौशिक को प्रिवेंशन आफ मनी लांडरिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत धोखाधड़ी और ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया। विशेष कोर्ट में पेश कर आरोपी को 14 मार्च तक रिमांड पर लिया। कारोबारी लक्ष्मी नारायण कौशिक पर गुजरात के वापी पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज है। आरोप है कि वर्ष 2018 से 2020 तक लक्ष्मी नारायण कौशिक ने अपने साथी के साथ मिलकर मेसर्स वेलस्पून लिविंग लिमिटेड के साथ साजिश रची और आपराधिक विश्वासघात किया। अपने वित्तीय लाभ के लिए बढ़ी हुई कीमत पर निम्न गुणवत्ता की कपास खरीदी। गवाहों को धमकाने व हफ्ता मांगने का भी आरोप है। ईडी को जांच में पता चला कि लक्ष्मी नारायण को अस्पष्ट क्रेडिट प्राप्त हुए थे। कौशिक के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों/संस्थाओं में कौशिक को कुछ लोगों से लाभ मिला। 2 फर्जी संस्थाएं/शेल कंपनियां बनाई आैर उसे खुद ही नियंत्रित किया। आगे की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही हैं।