आईएनएस विक्रांत मामला: किरीट सोमैया और बेटे नील के खिलाफ पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकारने से इनकार

  • मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाजपा नेता किरीट सोमैया और बेटे नील के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करने से इनकार किया
  • सोमैया और उनके बेटे नील पर आईएनएस विक्रांत की बहाली के लिए कथित रूप से एकत्र की गई राशि की हेराफेरी का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-13 16:02 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आईएनएस विक्रांत मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया और बेटे नील के खिलाफ मुंबई पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने पिछले हफ्ते सोमैया पिता-पुत्र के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने यह नहीं देखा है कि सोमैया और उनके बेटे नील द्वारा आईएनएस विक्रांत की बहाली के लिए कथित रूप से एकत्र की गई राशि का क्या किया गया? अदालत ने पुलिस को इस मामले में आगे जांच करने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेट के अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश एस.पी.शिंदे ने कहा कि गवाहों के बयानों से पता चलता है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि एकत्र किए गए धन का क्या किया गया? जांच अधिकारी ने रिकॉर्ड पर ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है, जो दर्शाता हो कि उक्त राशि आरोपी द्वारा महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल के कार्यालय या सरकार के पास जमा की गई थी। अदालत ने यह भी कहा कि अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाए गए थे, लेकिन जांच अधिकारी ने अन्य स्थानों के गवाहों के बयान दर्ज करने का कोई कष्ट नहीं उठाया, जिन पर भी उस अभियान में योगदान देने का आरोप लगाया है। इस मामले में आगे की जांच जरूरी है।

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के जांच अधिकारी ने इस बात की जांच नहीं की है कि 2013-14 में मुंबई में आयोजित चंदा अभियान के दौरान सोमैया द्वारा एकत्र की गई राशि का क्या किया गया? जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान चर्चगेट स्टेशन पर आयोजित एक अभियान में योगदान देने वाले 38 लोगों के गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अधिकारी ने यह भी कहा कि एक घंटे के अभियान के दौरान योगदानकर्ताओं से 10000 रुपए एकत्र किए गए। यह असंभव है कि इतने कम समय के लिए अभियान चलाए जाने के कारण 57 करोड़ रुपए एकत्र किए गए। उसी दिन सोमैया राज्यपाल से मिलने गए थे, लेकिन वह मौजूद नहीं थे और इसलिए वह उनसे नहीं मिल सके। 2022 में एक पूर्व सैन्यकर्मी द्वारा ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि आईएनएस विक्रांत को सेवामुक्त और स्क्रैप होने से बचाने के लिए किरीट सोमैया द्वारा 2013 में दान अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में करोड़ों रुपए इकट्ठा किए जाने का दावा किया गया था।

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