Mumbai News: 29 सुशिक्षित युवाओं को पार्षद और 37 युवा पार्षदों को मिली भगवती दीक्षा
- तीर्थधाम श्री अक्षर मंदिर, गोंडल में परम पूज्य महंतस्वामी महाराज का आशिर्वाद
- 29 सुशिक्षित युवाओं को पार्षद दीक्षा और 37 युवा पार्षदों का भगवती दीक्षा
- दीक्षा समारोह आयोजित किया गया
Mumbai News : बीएपीएस स्वामिनारायण संस्थान के तीर्थ श्री अक्षर मंदिर, गोंडल में 23 अक्तूबर को 29 सुशिक्षित युवाओं ने परम पूज्य महंतस्वामी महाराज के हाथों से पार्षद दीक्षा प्राप्त की। जिसमें 2 डॉक्टर, 4 स्नातकोत्तर, 11 इंजीनियर, 7 विज्ञान स्नातक और 4 अन्य स्नातक, कुल 29 सुशिक्षित युवाओं ने प. पू महंतस्वामी महाराज के आशीर्वाद से पारशदी दीक्षा प्राप्त की।
इसी परिप्रेक्ष्य में, संस्था की संत दीक्षा प्रणाली के अनुसार, तीर्थधाम सारंगपुर स्थित संत प्रशिक्षण केंद्र में शिक्षा प्राप्त करने वाले 37 सुशिक्षित युवा जिसमें 1 डॉक्टर, 1 पीएचडी, 4 मास्टर डिग्री, 12 इंजीनियर, 18 अन्य बैचलर डिग्री धारक सम्मिलित थे। इस प्रकार, विभिन्न विषयों में उच्च करियरवाले कुल 37 पार्षदको 25 अक्तूबर को तीर्थधाम श्री अक्षर मंदिर, गोंडल में परम पूज्य महंतस्वामी महाराज द्वारा भागवती दीक्षा प्रदान की गई।
दीक्षा महोत्सव सुबह 8 बजे वैदिक महापूजा समारोह के साथ शुरू हुआ। इस महापूजा समारोह में सभी साधक अपने-अपने पिता के साथ शामिल हुए, इस दीक्षा के पवित्र अवसर पर सुबह आठ बजे महापूजा विधि संपन्न हुई जिसमें दीक्षा लेनेवाले पार्षदों के माता-पिता और परिवार भी इस समय दीक्षा सभा में सम्मिलित हुए थे।
इस दीक्षा सभा में वरिष्ठ संतोंने आशीर्वाद प्रदान किए। परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने गुरु मंत्र प्रदान किया। इस अवसर पर दीक्षा लेनेवाले दीक्षार्थियों के अभिभावकों में अति उत्साह देखा गया। दीक्षा मोहोत्सव की मुख्य सभा में संस्था के वरिष्ठ संतों द्वारा दीक्षित युवाओं के पिताओं का सम्मान किया गया तथा वरिष्ठ महिलाओं द्वारा दीक्षित युवाओं की माताओं का सम्मान किया गया।
दीक्षा अवसर पर परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने आशीर्वाद देते हुए कहा, "दीक्षित साधु के माता-पिता को धन्यवाद, उन्होंने अपने पुत्र को पढ़ा-लिखाकर तैयार किया और यहां सेवा के लिए समर्पित कर दिया। साधु का मार्ग आसान नहीं होता। तपस्या, व्रत, सेवा, भक्ति और मन पर विजय।" इस अवसर पर वरिष्ठ संतों ने स्वामीश्री का पुष्प माला से स्वागत किया। दीक्षा महोत्सव के समापन पर मणिपाल गुरुहरि महंतस्वामी महाराज ने कहा, 'सब कुछ देना आसान है, लेकिन पुत्र देना बहुत कठिन है। उन सभी माता-पिता को बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने अपने बेटे दिए।
यह आशीर्वाद है कि सभी पार्षद साधु के मार्ग पर चलते संन्यासी दीक्षा लेने वाले इन युवा संतों के लिए बी.ए.पी.एस. स्वामीनारायण मंदिर, सारंगपुर में एक संत प्रशिक्षण केंद्र चलता है। जहां वे सेवा, शिक्षा और संयम का पाठ सीखते हैं। प्रशिक्षण केंद्र में उपदेशक संतों द्वारा विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि ये संत सत्संग के माध्यम से मानव कल्याण का कार्य कर सकें।
प्रशिक्षु संत सनातन धर्म के ग्रंथों का गहन अध्ययन करने के साथ- साथ प्रबंधन का पाठ भी सीखते हैं। ये युवा संत साधना के साथ-साथ दान और नशामुक्ति जैसे विभिन्न प्रकार के समाज सेवा कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। इस प्रकार सनातन हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्व रखने वाले त्यागाश्रम की जीवंतता का दर्शन आज के दीक्षा समारोह में सभी को हुआ।