स्वतंत्रता सेनानी को घर उपलब्ध कराने आय सीमा बढ़ाई गई, प्राधिकरण की अवधि भी बढ़ाने को मंजूरी
- स्वतंत्रता सेनानी को घर उपलब्ध कराने आय सीमा बढ़ाई
- नागपुर, ठाणे, रत्नागिरी में पुनर्वसन गृह बनाने मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
- प्राधिकरण की अवधि बढ़ाने को मंजूरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्वतंत्रता सेनानी को घर के लिए जमीन उपलब्ध करा सकने के लिए मासिक परिवार की आय सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दी गई है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे जिन स्वतंत्रता सेनानियों अथवा उनके परिवार के पास घर के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है उन्हें 2500 वर्ग फूट तक जमीन मिल सकेगी। जमीन के लिए संबंधित स्वतंत्रता सेनानी जिलाधिकारी के पास आवेदन कर सकेंगे। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार राज्य में न्यूनतम मासिक वेतन में काफी बढ़ोतरी की गई है। इसके अनुसार स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार की आय सीमा बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
नागपुर, ठाणे, रत्नागिरी में पुनर्वसन गृह बनाने मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
प्रदेश में मानसिक बीमारी से मुक्त व्यक्तियों के लिए चार जिलों में स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) के माध्यम से 16 पुनर्वसन गृह (घर) स्थापित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। पहले चरण में नागपुर, पुणे, ठाणे और रत्नागिरी में पुनवर्सन गृह बनाए जाएंगे। मानसिक बामारी से मुक्त ऐसे व्यक्ति जिन्हें उनके परिवार वाले स्वीकार नहीं कर रहे होंगे। ऐसे व्यक्ति जिन्हें आगे इलाज की जरूरत नहीं होगी अथवा बेघर होंगे उन लोगों को पुनर्वसन गृह में रहने की सुविधा मिल सकेगी। इन पुनवर्सन गृहों में 18 से 55 आयु वर्ग और 55 साल से अधिक आयु वाले वरिष्ठ व्यक्तियों को रहने की सुविधा मिल सकेगी। दोनों आयु वर्ग के पुरुषों और महिलाओं के लिए प्रत्येक एक-एक के अनुसार कुल 16 पुनर्वसन गृह का निर्माण किया जाएगा। पुनर्वसन गृह चलाने वाले एनजीओ को प्रति व्यक्ति हर महीने 12 हजार रुपए सहायक अनुदान दिया जाएगा। एनजीओ का चयन राज्य स्तरीय चयन समिति करेगी। मंत्रिमंडल ने पुनर्वसन गृहों के लिए 5 करोड़ 76 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी है।
प्राधिकरण की अवधि बढ़ाने को मंजूरी
प्रारुप विकास योजनाओं के लिए विभिन्न शहरों के प्राधिकरण की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई है। फिलहाल पुणे महानगर प्रदेश के विकास योजना तैयार करने की कार्यवाही पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण के माध्यम से शुरु है। वहीं नागपुर, नाशिक, औरंगाबाद और कोल्हापुर शहर के विकास प्राधिकरण के माध्यम से महानगरों के विकास योजना तैयार की जानी है। इन शहरों की विकास योजना तैयार करने के लिए समय कम न पड़े। इसके लिए प्राधिकरण की एक साल की अवधि बढ़ाई गई है।