समय पर कर लिया गया होता बांद्रा में नए हॉस्टल का काम तो बच सकती थी छात्रा की जान

  • बच सकती थी छात्रा की जान
  • समय पर कर लिया गया होता बांद्रा में नए हॉस्टल का काम

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-08 16:37 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चर्नी रोड स्थित जिस सावित्रीबाई फुले महिला छात्रावास में दुष्कर्म के बाद छात्रा की हत्या की गई, उसे लेकर अगर प्रशासन ने समय पर कदम उठाया होता तो शायद वारदात न होती। दरअसल, मई के आखिर तक यहां रहने वाली छात्राओं को बांद्रा में तैयार की गई एसआरए की नई इमारत में भेजा जाना था, लेकिन मनपा की ओर से ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) न मिलने के चलते इमारत में बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं की जा सकी और छात्राएं मजबूरी में उसी असुरक्षित छात्रावास में रहती रहीं और यह वारदात हो गई।

देरी होती रही, छात्राएं इंतजार करती रहीं

केयर ऑफ पब्लिक सेफ्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष और हॉस्टल की सुरक्षा के मुद्दे पर 58 दिनों तक अनशन करने वाले अमर एकाड ने बताया कि 16 मंजिला इमारत तैयार थी। छात्रावास बदलने को लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने 21 मई को सह्याद्री गेस्ट हाउस में बैठक भी की थी। महीने के अंत में छात्राओं को बांद्रा के नए छात्रावास में भेजा जाना था, लेकिन एक जिस परेशानी का हल आसानी से निकल सकता था, उसे लेकर इसमें देरी की गई। एकाड ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर महिला छात्रावास में सीसीटीवी लगाने के साथ महिला स्टाफ को ही नियुक्त किया जाना चाहिए। साथ ही हॉस्टल की वार्डन और संयुक्त निदेशक जैसे पदों पर पूर्णकालिक नियुक्तियां होनी चाहिए। फिलहाल दोनों पदों के लिए अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

बांद्रा की इमारत हर लिहाज से सुविधाजनक

बांद्रा स्थित इमारत में एक कमरा 321 वर्ग फुट का है, जिसमें चार छात्राएं रह सकतीं थीं। इमारत में 128 घर हैं जिनमें 512 छात्राएं रह सकतीं हैं इसे लेकर 19 मई को एक रिपोर्ट भी उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को भेजी गई थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे यह इमारत छात्राओं के लिए बेहद उपयोगी हो सकती है, क्योंकि यहां लड़कियां ज्यादा सुरक्षित रहेगी और साथ ही यह जगह भी सुविधाजनक होगी।

यहां हैं सभी सुविधाएं

सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास की अधीक्षिका द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक बांद्रा में कुल 11 टॉवर तैयार हो रहे हैं, जिससे इलाके में लोगों का आना-जाना और चहल-पहल रहती है। दुकान बगल में है जहां से आसानी से लड़कियां समान ले सकती है। जरुरत पड़ने पर अस्पताल भी नजदीक है। बांद्रा रेलवे स्टेशन से 20 मीटर की दूरी पर इमारत है और यहां से मध्य और पश्चिम दोनों लाइन की गाड़ियां पकड़ी जा सकती हैं। रिपोर्ट में छात्राओं के लिए हर कमरे में गीजर, बरामदे से आपात निकास का रास्ता, खिड़कियों में जाली लगाने और हर मंजिल पर तीन सीसीटीवी कैमरे लगाने की सिफारिश की गई है।

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