दापोली साईं रिसार्ट मामला: सदानंद कदम की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने 4 दिसंबर को फैसला रखा सुरक्षित
- जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी
- याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को चुनौती
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुटे के नेता अनिल परब के करीबी सदानंद कदम की ओर से दायर जमानत याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कदम जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई। कदम ने याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एम.एस.कर्णिक की एकल पीठ के समक्ष शुक्रवार को सदानंद कदम की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई। याचिकाकर्ता के वकील अमीत देसाई ने सुनवाई के दौरान इस बात को दोहराया कि कदम ने रत्नागिरी के दापोली स्थित साईं रिसॉर्ट को बनवाया है। उन पर सीआरजेड का उल्लंघन कर साईं रिसार्ट बनाए जाने का आरोप है। इसमें मनी लांड्रिंग का मामला नहीं बनता है। ईडी की कदम की गिरफ्तारी गलत है। ईडी ने राजनीतिक दुर्भावना से पूर्व परिवहन मंत्री अनिल परब को निशाना बनाने के लिए कदम पर कार्रवाई की। इसलिए कदम को इस मामले में जमानत दी जानी चाहिए। एडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ब्यास ने कदम की जमानत का विरोध किया। दोनों पक्षों की डाली ने सुनने के बाद न्यायमूर्ति कर्णिक ने कहा कि वह 4 दिसंबर को आदेश पारित करेंगे। बीजेपी नेता किरीट सोमैया की शिकायत पर दापोली पुलिस ने साईं रिसार्ट के खिलाफ सीआरजेड के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था। एड ने इसी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कदम को गिरफ्तार किया है।