सियासी जंग: मध्य प्रदेश की 35 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता
- प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नेताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी
- 35 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता
- मध्य प्रदेश की 35 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। अगले महीने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में राज्य के बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी है। महाराष्ट्र की सीमा से सटी मध्य प्रदेश की 35 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस कार्याध्यक्ष चंद्रकांत हंडोरे को दी गई है। हंडोरे मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सह चुनाव प्रभारी भी हैं।
कुछ महीनों पहले कर्नाटक में हुए चुनाव में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली थी। जिसमें प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भी चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसी को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता अगले सप्ताह से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव प्रचार की शुरुआत करने वाले हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्याध्यक्ष चंद्रकांत हंडोरे ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि मध्य प्रदेश में मराठी लोगों की संख्या को देखते हुए महाराष्ट्र की सीमा से सटी 35 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी राज्य के बड़े नेताओं को दी गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, केसी पाडवी, नितिन राऊत, यशोमती ठाकुर, केदार जाधव, शिवाजीराव मोघे, वसंत पुरके और दूसरे नेताओं को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी नेता खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, बालाघाट, ग्वालियर, बैतूल, छिंदवाड़ा, इटारसी और बुरहानपुर के मराठी बहुल जिलों में भी चुनाव प्रचार करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गजानन देसाई ने कहा कि प्रत्येक नेता को मध्य प्रदेश की एक विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के सह चुनाव प्रभारी चंद्रकांत हंडोरे ने इन सभी राज्यों में चुनाव प्रचार करने वाले स्टार कैंपेनर की लिस्ट दिल्ली हाई कमान के पास भेजी है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ये सभी नेता चुनाव प्रचार में लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी प्रचार के लिए नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। देसाई ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के बाद प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश है और आलाकमान इसी जोश का मध्य प्रदेश में इस्तेमाल करना चाहता है।