बॉम्बे हाईकोर्ट: 20 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों को विलय कर स्कूलों का समूह बनाने की योजना पर सरकार से जवाब तलब
- 20 से कम छात्रों वाले सरकारी स्कूलों को विलय कर स्कूलों का समूह बनाने की नई योजना
- योजना पर अदालत ने सरकार से किया जवाब तलब
- 4 सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 20 से कम छात्रों के नामांकन वाले सरकारी स्कूलों को विलय करके स्कूलों के समूह बनाने की नई योजना पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने स्वत: संज्ञान में ली गई याचिका पर सरकार को 4 सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। ऐसा दावा है कि राज्य शिक्षा विभाग की नई योजना पर अमल से ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 15 हजार छोटे स्कूल बंद हो सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डाक्टर की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को अदालत के स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से पेश हुए वकील प्रिय भूषण काकड़े ने खंडपीठ को 20 से कम छात्रों के नामांकन वाले सरकारी स्कूलों को विलय करके स्कूलों के समूह बनाने की नई योजना की जानकारी दी। पिछले दिनों इस मामले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर की खंडपीठ ने राज्य के शिक्षा विभाग की नई योजना पर स्वत: संज्ञान में लिया और मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय की खंडपीठ के पास आई। शिक्षा विभाग की 20 से कम सरकारी स्कूलों को मिला कर एक बड़ा स्कूल बनाने की योजना है, जिसमें छात्रों को एक ही परिसर में बड़ी संख्या में बच्चों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, खेल कौशल और बच्चों के समग्र विकास के अन्य पहलुओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ पोषण संबंधी माहौल प्रदान किया जा सके।
सरकार की नई योजना का शिक्षकों के संगठन शिक्षक भारती विरोध कर रहा है। उनका दावा है कि यह योजना सीधे तौर पर शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के विपरीत है, जिसमें कहा गया है कि बच्चे के निवास से 1 किमी के भीतर एक प्राथमिक विद्यालय और 3 किमी के भीतर एक माध्यमिक विद्यालय उपलब्ध कराया जाना चाहिए। योजना में बताए गए मानदंडों के अनुसार समूह स्कूल का स्थान मूल स्कूल से बस में 40 मिनट से अधिक दूर नहीं होना चाहिए। ग्रामीण या पहाड़ी इलाकों में यह 40 मिनट बहुत लंबी दूरी है। राज्य में 1 लाख 10 हजार से अधिक स्कूल हैं, जिनमें से लगभग 65 हजार स्कूल सरकार चलाती है।
यूडीआईएसई आंकड़ों के अनुसार 14783 स्कूलों में 20 से कम छात्र नामांकित हैं। इनमें से कई स्कूलों में या तो एक या दो शिक्षक हैं और अन्य बुनियादी ढांचे का अभाव है। स्कूलों के क्लस्टर की नई योजना के साथ विलय शुरू होने पर इन स्कूलों में पढ़ने वाले 185467 छात्र और 29707 शिक्षक बदल दिए जाएंगे। सरकार पहले से ही पुणे जिले के पानशेत और नंदुरबार जिले के तोरणमल में समूह (क्लस्टर) स्कूलों का एक पायलट प्रोजेक्ट चला रही है