अजित पवार बोले - मैं नेता प्रतिपक्ष बने रहना नहीं चाहता
- अजित पवार का ताजा बयान
- नेता प्रतिपक्ष बने रहना नहीं चाहता
- पद छोड़ने की बात कह दी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने पार्टी के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के सामने नेता प्रतिपक्ष के पद छोड़ने की बात कह दी। अजित पवार ने कहा कि बीते कुछ समय से कुछ लोग बोल रहे हैं कि मैं विपक्ष ने नेता को लेकर आक्रामक भूमिका नहीं ले पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में संगठन का काम करने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं विपक्ष का नेता नहीं बने रहना चाहता। अजित के बयान से राकांपा में हलचल तेज हो गई है।
पिछले कुछ दिनों में राकांपा में लिए गए फैसले चर्चा का विषय बने हुए हैं। शरद पवार ने कुछ दिनों पहले पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इसके कुछ दिन बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। शरद पवार ने पिछले हफ्ते सांसद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्याध्यक्ष नियुक्त किया था। उस समय ऐसी खबरें भी सामने आईं थीं कि सुले और पटेल को कार्याध्यक्ष बनाने के फैसले से अजित पवार नाराज हो गए। बुधवार को षणमुखानंद सभागृह में पार्टी के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में अजित पवार काफी नाराज दिखे। जिस समय अजित पवार ने यह बयान दिया उस समय पार्टी अध्यक्ष शरद पवार भी मौजूद थे।
अजित पवार ने कहा पिछले कुछ समय से उन्हें सूचनाएं मिल रही हैं कि पार्टी में उनकी जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई सालों से पार्टी काम कर रहा हूं। मुझे नेता प्रतिपक्ष में कोई दिलचस्पी नहीं है। पार्टी चाहे तो मुझे संगठन में कोई भी जिम्मेदारी दे सकती है। लेकिन मेरी इच्छा है कि मैं नेता प्रतिपक्ष नहीं बने रहना चाहता। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों की जिद के चलते पार्टी ने उन्हें विपक्ष का नेता बनाया था। अब जब मुझे नेता प्रतिपक्ष बने एक साल हो गया है तो कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि मैं आक्रामक भूमिका अख्तियार नहीं करता हूं।
अजित पवार के बयान पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह राकांपा का अंतर्गत मामला है। उन्होंने कहा कि अजित पवार पार्टी के प्रभावी नेता हैं और वह किस पद पर काम करते हैं उनकी पार्टी ही तय कर सकती है। गौरतलब है कि जब सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को शरद पवार ने पार्टी का कार्याध्यक्ष बनाया था तो ऐसी खबरें सामने आईं थी अजित पवार पार्टी के इस फैसले से नाराज हो गए थे। हालांकि अजित पवार ने इसको लेकर नाराजगी खुलकर नहीं दिखाई थी।