एनएचपीसी और टोरंट पॉवर के बीच करार, पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजना को लगेंगे पंख
- राज्य में होगा 71 हजार करोड़ का निवेश
- मिलेगी 13,500 मेगावाट बिजली
- एनएचपीसी और टोरंट पॉवर के बीच करार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में पंप स्टोरेज परियोजना (पीएसपी) के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन लि. (एनएचपीसी) और निजी कंपनी टोरंट पॉवर लि. के बीच करार हुआ है। इसके तहत पंप स्टोरेज जल विद्युत परियोजना के क्षेत्र में 71 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। अपारंपरिक स्रोतों से 13,500 मेगावाट बिजली तैयार होगी। साथ ही राज्य में 30 हजार से अधिक लोगों के लिए रोजगार अवसर बनेंगे। मंगलवार को उप-मुख्यमंत्री तथा ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी सरकारी अतिथिगृह सह्याद्री में दोनों कंपनियों के बीच 44 हजार करोड़ और 27 हजार करोड़ रुपए का सामंजस्य करार हुआ है। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि पंप स्टोरेज परियोजना से कम दर पर 24 घंटे अपारंपरिक ऊर्जा मिल सकेगी।
क्या है पीएसपी
पंप स्टोरेज व्यवस्था के तहत नीचे के जलाशयों से दिन में पानी लेकर ऊपरी जलाशयों में छोड़ा जाता है। फिर रात के समय ऊपरी जलाशयों से पानी नीचे छोड़ कर टर्बाइन के माध्यम से बिजली बनाई जाती है। फडणवीस ने कहा कि पीएसपी परियोजना को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है। इस परियोजना के लिए किसी प्रदेश में इतने बड़े पैमाने करार नहीं हुआ है।
इन स्थानों पर लगेगी परियोजना
राज्य में एनएचपीसी 7,350 मेगावॉट जल विद्युत परियोजना विकसित करेगी। रत्नागिरी के सावित्री (2,250 मेगावॉट), ठाणे के कालू (1150 मेगावॉट) व केंगाडी (1550 मेगावॉट) और अहमदनगर के जालोंद (2400 मेगावॉट) में परियोजना लगाएगी। टोरंट कंपनी कर्जत (3,000 मेगावॉट), मावल (1200 मेगावॉट) और जुन्नर (1500 मेगावॉट) में परियोजना लगाएगी। इस करार से ग्रिड बैलेंसिंग, पीक डीमांड को पूरा करने में महाराष्ट्र आत्मनिर्भर बन सकेगा। पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के लिए नए अवसर तैयार हो सकेंगे।
3 साल में अमल
महावितरण के स्वतंत्र निदेशक विश्वास पाठक ने दैनिक भास्कर को बताया कि पीएसपी से जल विद्युत तैयार होगी। उप-मुख्यमंत्री ने पीएसपी की मंजूरी के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश दिया है। इससे परियोजना के लिए 6 महीने के भीतर आवश्यक मंजूरी मिलेगी। अगले 3 साल में हाइड्रो पॉवर से जुड़ीं सभी परियोजनाएं कार्यान्वित हो जाएंगी।