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मराठा आरक्षण: एनसीपी विधायक का बंगला और नगर निगम कार्यालय फूंका, सीएम ने कहा - हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध, गलत दिशा में जा रहा है आंदोलन
- एनसीपी विधायक का बंगला जलाया
- नगर निगम कार्यालय में लगाई आग
- सीएम ने कहा - गलत दिशा में जा रहा है आंदोलन
डिजिटल डेस्क, बीड। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोंलके के बंगले को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने वहां रखी कुर्सियों और 6 वाहनों को भी आग लगा दी। नारेबाजी करते हुए आंदोलनकारियों ने माजलगांव में सोमवार को जमकर हंगामा किया। इसे लेकर विधायक प्रकाश सोलंके ने मीडिया को बताया कि 'हमले के दौरान मैं अपने घर के अंदर था. परिवार या कोई कर्मचारी इस हमले में घायल नहीं हुआ. संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है.' प्रकाश सोलंके अजित पवार गुट के विधायक हैं.
राष्ट्रवादी भवन और पूर्व मंत्री क्षीरसागर का कार्यालय जलाया
सोमवार शाम आक्रोशित भीड़ ने राष्ट्रवादी भवन में जमकर तोड़फोड़ की। पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के कार्यालय को जला दिया गया। इलाके में चक्काजाम आंदोलन कर सड़कें बंद की गई। विधायक संदीप क्षीरसागर के घर कुछ मराठा आंदोलनकारियों ने पथराव किया।
दिन भर की कड़ियांं
गुस्साई भीड़ ने बीड के भाजपा कार्यालय में भी आग लगा दी। विधायक के बड़े भाई धैर्यशील सोलंके को घर में भी हमला कर आगजनी की गई।
उधर विधायक नामदेवराव ससाने और राहुल आहेर का रास्ता रोका गया।
सोमवार को मराठा आरक्षण के समर्थन में शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे ने इस्तीफा दे दिया।
रविवार को भाजपा सांसद हेमंत पाटी के इस्तीफा देने की खबर सामने आई थी।
बीड के गेवराई के भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने भी मराठा आरक्षण के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है। लक्ष्मण ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस्तीफा भेज दिया है।
हालही की बात है. जब एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके का एक वीडियो सोशल मीडिया वीडियो वायरल हुआ था। आरोप है कि वीडियो में सोलंके मराठा आरक्षण की मांग करने वाले नेता मनोज जारंगे के खिलाफ बोलते नजर आए।माना जा रहा है कि उग्र आंदोलनकारियों ने उनके घर-दफ्तर पर इसी वीडियो की गई टिप्पणी की वजह से हमला किया है। मनोज जरांगे मराठा मोर्चा के संयोजक हैं।
नगर निगम कार्यालय को भी लगाई आग
एनसीपी विधायक प्रकाश सोंलके के बंगले को आग लगाने के बाद प्रदर्शनकारी सीधे नगर निगम के कार्यालय पहुंचे। जहां अंदर घुसकर तोड़फोड़ की गई और आग लगाई गई। इस दौरान नगर निगम के दो कर्मचारी बाल-बाल बचे।
मुख्यमंत्री शिंदे का बयान
उधर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन देते हुए कहा, 'हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मनोज जरांगे पाटिल (मराठा मोर्चा के संयोजक) को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि यह विरोध क्या मोड़ ले रहा है. यह गलत दिशा में जा रहा है।
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटील अनशन के छठे दिन स्थल से खड़े हुए तो कमजोरी के चलते लड़खड़ाकर बैठ गए। इस बीच सोमवार को मराठा आरक्षण उप समिति की बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समाज को दो चरणों में आरक्षण देने जा रही है। इसके साथ ही सरकार ने शिंदे कमेटी की सिफारिश पर राज्य सरकार ने कुणबी समाज के कागजात मिलने वाले मराठों को कुणबी प्रमाण पत्र देने का फैसला किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण का पक्ष मजबूत तरीके से रखने के लिए तीन पूर्व न्यायाधीशों की एक कमेटी बनाई है जो राज्य सरकार को इस संबंध में मार्गदर्शन करेगी। सोमवार को राज्य भर में मराठा आरक्षण के लिए चल रहा आंदोलन और उग्र हो गया।
सोमवार को मराठा आरक्षण उप समिति की बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा उप समिति के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील और दूसरे मंत्री उपस्थित रहे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मराठा समाज को कुणबी जाति का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए गठित की गई कमेटी के प्रमुख संदीप शिंदे ने अभी तक एक करोड़ 73 लाख 70 हजार 659 रिकार्ड्स की जांच की है। जिसमें से 11 हजार 530 रिकॉर्ड कुणबी जाति के मिले हैं। मराठवाड़ा के पुराने रिकॉर्ड उर्दू और मोड़ी भाषा मे हैं जिनका मराठी अनुवाद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि शिंदे कमेटी की रिपोर्ट को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में स्वीकार किया जाएगा। शिंदे ने कहा कि सरकार मराठा समाज को आरक्षण देना चाहती है और सभी पहलुओं का अध्ययन कर इस पर कोई फैसला लेगी। राज्य में हो रही तोड़फोड़ और आगजनी पर शिंदे ने कहा कि जरांगे पाटील को यह सब देखना चाहिए कि हम कहां जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार दोपहर यवतमाल में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के आयोजन के लिए पहुंचे थे लेकिन उससे पहले ही प्रदर्शनकारियों ने कार्यक्रम में लगे उनके और दोनों उपमुख्यमंत्री के पोस्टरों को फाड़ दिया। इसके अलावा कार्यक्रम में भी मराठा आरक्षण को लेकर नारेबाजी हुई। हालांकि प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों को को पुलिस में हिरासत में ले लिया।
शिंदे के ऐलान के बाद मनोज जरांगे पाटील ने कहा कि मेरे लिए मराठा समाज से बड़ा कोई नहीं है। इसके बाद पाटील फुट फुट कर रोने लगे। इस बीच प्रदर्शन कर रहे दूसरे प्रदर्शनकारियों ने पाटील से पानी पीने का अनुरोध किया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। जरांगे पाटील ने कहा कि उन्हें राधाकृष्ण विखे पाटील ने फोन किया था और कुछ समय और मांगा है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्हें कितना और समय चाहिए। मराठा समाज 40 वर्षों तक रुका रहा लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।
शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर बवाल चल रहा है और फडणवीस छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। वही राकांपा (शरद) कार्याध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि विधायकों और सांसदों के घरों पर हमले हो रहे हैं लेकिन गृहमंत्री लापता हैं। यह सब गृह विभाग की नाकामी के चलते हो रहा है। इसलिए गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए। आघाडी के नेताओं ने सोमवार को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर मराठा आरक्षण को लेकर विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
Created On :   30 Oct 2023 3:46 PM IST