कोल्हापुर: अनशनकारी एसटी के ठेका बस चालकों का भीख मांगो आंदोलन

  • कोल्हापुर में भीख मांगो आंदोलन
  • अनशनकारी एसटी के ठेका बस चालकों का आंदोलन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-10 13:52 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। एसटी कर्मचारियों की हड़ताल के साथ-साथ कोरोना काल के दौरान एसटी निगम में ठेका कर्मचारी के रूप में काम करने वाले और वर्तमान में सेवा से हटा दिए गए कर्मचारी कोल्हापुर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शुक्रवार को चौथे दिन भी उनका अनशन जारी रहा। उनके अनशन पर राज्य सरकार, पालक मंत्री और जन प्रतिनिधियों का ध्यान नहीं जा रहा तो उन्होंने आज भीख मांगो आंदोलन के जरिये जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में कोल्हापुर समेत राज्य के 16 जिलों के 250 से ज्यादा संविदा कर्मचारी शामिल हुए हैं। इस बीच,मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे करवीर के एक ठेका कर्र्मचारी गिरीश हुजरे-पाटिल, भोजन और पानी के बिना उनकी हालत खराब हो गई है। हालाँकि इसके बावजूद वे अनशन के लिए बनाये गए शामियाने में सोये हुए हैं।

एसटी निगम के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मचारी पिछले साल हड़ताल पर चले गये थे। इस अवधि के दौरान, एसटी सेवाएं छह महीने ठप्प पड़ी रही। उस समय निगम ने अनुबंध के आधार पर ड्राइवरों को नियुक्त किया था। छह महीने बाद हड़ताल ख़त्म होने पर इन कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। जबकि सरकार ने उन्हें स्थाई रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। इस बीच सरकार ने विभिन्न रिक्त पदों पर फिर से भर्ती प्रक्रिया शुरू की, लेकिन इन कर्मचारियों को समायोजित नहीं किया गया। ये ठेका कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि हड़ताल के दौरान उनके द्वारा प्रदान की गई सेवा को ध्यान में रखा जाना चाहिए और उनको फिर से काम पर रखा जाना चाहिए। भले ही उन्हें स्थायी नौकरी पर नहीं रखा जाए, लेकिन अगर उन्हें सेवा में वेतन और अन्य पूरक लाभ मिलते हैं, तो इससे उनके जीवनयापन में बड़ा योगदान मिलेगा।

सरकार की उदासीनता को देखते हुए उन्होंने विभिन्न लोकतांत्रिक माध्यमों से उचित अधिकार हासिल करने का प्रयास किया, मौखिक और लिखित बयान भी दिये। इसके बाद वह मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये। 28 दिसंबर को नागपुर के शीतकालीन सत्र में विरोध मार्च के बाद, सरकार ने उन्हें सेवा में शामिल करने का वादा करके समय बर्बाद किया गया। अब जब सहनशीलता खत्म हो गई तो इन कर्मचारियों ने कोल्हापुर में भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस भूख हड़ताल का आज चौथा दिन था। इस दौरान करवीर निवासी एक कर्मचारी की तबियत बिगड़ गई हालाँकि वे आंदोलन स्थल पर डटे हुए हैं। भूख हड़ताल में संतोष मालविकर, मंगेश वडेर, प्रवीण टापरे, विजय गुरव, विजय भोयर, त्रिगुण पवार, विकास जाधव, प्रकाश शिंदे आदि शामिल हैं।

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