श्रीमद् भागवत कथा : सांसरिक मोह से विरक्त होकर ही भगवत प्राप्ति संभव
डिजिटल डेस्क, ककरहटी नि.प्र.। ककरहटी नगर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन यजमान श्रीमती गुलाबबाई द्विवेदी के द्वारा परिजनों के साथ किया जा रहा है। वृन्दावन धाम से पधारे श्रीमद् भागवत कथाचार्य शशिकांत शास्त्री द्वारा कथा के तृतीय दिवस पर कहा गया कि श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण की योग भक्ति है। भागवत कथा से मनुष्य व्यक्ति के मार्ग पर चल कर सांसरिक माया मोह से मुक्ति पाकर ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा में वह रहस्य है जिनमें भगवान की प्राप्ति होती है मनुष्य पापों से मुक्त हो जाता है। कथाचार्य द्वारा श्रीमद् भागवत कथा में माता सती, प्रहलाद की भक्ति आदि कथाओं का वर्णन किया गया तथा बताया कि जीवन-मृत्यु के भवसागर से मुक्ति पाने के लिए श्रीमद् भागवत कथा ही सबसे सुलभ साधन है।