जबलपुर: बरबसपुर में वंशिका ने शुरू किया नया शॉर्टकट रैंप बनाने का काम

  • कम समय में ज्यादा से ज्यादा रेत जबलपुर के बरेला भेजी जा सके
  • वंशिका द्वारा खदान क्षेत्र के दायरे से बाहर जा कर रेत का खनन किया जाना पाया गया
  • रैंप स्वीकृत माइनिंग प्लान के अनुसार है या फिर बिना अनुमति इसे बनाया जा रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-22 09:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर/मंडला। ग्रेस पीरियड के आखिरी 9 दिनों में ज्यादा से ज्यादा रेत जबलपुर के बरेला तक पहुंचाई जा सके इसके लिए मंडला की रेत ठेका कंपनी वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा बरबसपुर में नया शॉर्ट कट रैंप बनाया जा रहा है।

यह रैंप बरबसपुर खदान से सीधे मुगदरा खदान जाने वाली रोड पर आ कर मिलेगा। सूत्रों के अनुसार आज-कल में इस नए रैंप से रेत हाइवा और डंपरों के जरिए भेजी जाना शुरू कर दी जाएगी। इस नए रैंप से रेत से ओवरलोड वाहन खदान के अंदर से सिवनी-मंडला स्टेट हाइवे पर करीब 20 मिनट कम समय में केवल एक तिराहे को क्रॉस करते हुए पहुंच जाएंगे।

कौन सा रैंप माइनिंग प्लान के अनुसार

अभी यह साफ नहीं हो सका है कि बंजर नदी की बरबसपुर खदान पर यह नया रैंप स्वीकृत माइनिंग प्लान के अनुसार है या फिर बिना अनुमति इसे बनाया जा रहा है।

इस नए रैंप के बनाए जाने से एक बात तो साफ हो गई है कि या तो काताजर रोड पर निकलने के लिए बनाया गया रैंप गलत था और माइनिंग प्लान के विपरीत रेत ठेका कंपनी ने बनाया था या फिर नया बन रहा रैंप इललीगल है।

2 दिन चली जांच, बरबसपुर में पाया गया अवैध खनन

मंडला जिले की रेत खदानों में ठेका कंपनी वंशिका द्वारा नियम ताक पर रख कर रेत का खनन किए जाने और बरबसपुर की अधिकांश रेत जबलपुर के बरेला भेजे जाने के शोर के बीच खनिज महकमे की टीम ने 2 दिन तक बरबसपुर खदान की जांच की। यहां निरीक्षण के दौरान वंशिका द्वारा खदान क्षेत्र के दायरे से बाहर जा कर रेत का खनन किया जाना पाया गया।

गौरतलब है की बरबसपुर में वंशिका द्वारा रात में 5 और दिन में 2 मशीनें बंजर नदी में उतारकर रेत का खनन किए जाने का मामला उजागर किया था। साथ ही ये अंदेशा भी जताया था कि यहां की रेत ठेका कंपनी द्वारा अपने मंडला के खैरी स्थित भंडारण स्थल के बजाय जबलपुर के बरेला भेजे जाने की बड़ी वजह बरबसपुर में किए गए अवैध उत्खनन को छिपाना है।

मंडला के जिला खनिज अधिकारी राहुल शांडिल्य के अनुसार, हमारी टीम ने 2 दिन बरबसपुर खदान की जांच की थी। वहां खदान की सीमा के बाहर रेत का अवैध रूप से खनन किया जाना पाया गया है। श्री शांडिल्य ने बताया की अभी अंकलन और विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार कर माइनिंग कारपोरेशन को भेजी जा रही है।

ठरका (सतबहनी) में भी काम हुआ तेज

मंडला-सिवनी स्टेट हाइवे पर बम्हनी से पहले बंजर नदी पर सतबहनी मंदिर के पीछे स्थित ठरका खदान में भी रेत के खनन का काम रात के साथ दिन में भी शुरू कर दिया गया है। इस खदान की रेत का बड़ा हिस्सा भी जबलपुर के बरेला के रिछाई स्थित आरएसआई के भंडारण स्थल पर भेजा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार यहां से ट्रैक्टरों तथा डंपरों की जो लोकल सप्लाई है, उसमें अधिकांश डब्ल्यूआरपी यानी विदाउट रायल्टी पर्ची पर हो रही है। वंशिका प्रबंधन के सूत्र इसके पीछे ग्रामीणों और स्थानीय लोगों को सस्ती दर पर रेत उपलब्ध कराने की मंशा बताते हैं।

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