जबलपुर: सेवानिवृत्त प्राचार्य को उच्च वेतनमान देने पर लें निर्णय
- हाईकोर्ट ने डीईओ को दिए निर्देश, 90 दिन की दी मोहलत
- मप्र शासन के परिपत्र के अनुसार याचिकाकर्ता पुनरीक्षित उच्च वेतनमान पाने की हकदार है।
- याचिकाकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में विस्तृत अभ्यावेदन पेश किया
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त प्राचार्य को उच्च वेतनमान का लाभ देने संबंधी अभ्यावेदन पर विचार कर उचित निर्णय पारित करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को दिए। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने इसके लिए 90 दिन की मोहलत दी है।
जबलपुर निवासी श्रीमती चिंता नोनवार की ओर से अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर से 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त हुई हैं।
उनकी नियुक्ति शिक्षा विभाग में हुई थी और उच्च श्रेणी शिक्षक की सेवा 30 वर्ष पूरी होने पर उच्च वेतन स्वीकृत हुआ। उन्होंने दलील दी िक 24 जनवरी 2008 को जारी मप्र शासन के परिपत्र के अनुसार याचिकाकर्ता पुनरीक्षित उच्च वेतनमान पाने की हकदार है।
याचिकाकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में विस्तृत अभ्यावेदन पेश किया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीईओ जबलपुर को अभ्यावेदन पर नियमानुसार उचित निर्णय पारित करने के निर्देश दिए।
अनुकंपा नियुक्ति देने पर लो निर्णय
मप्र हाईकोर्ट ने एक मामले में सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग मंडला को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने संबंधी अभ्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित निर्णय पारित करें।
जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने इसके लिये तीस दिन की समय सीमा निर्धारित की है।मंडला के घुघरी निवासी नेहा चंदेला की ओर से अधिवक्ता गोपाल सिंह बघेल ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता के पिता सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ थे।
कार्यकाल के दौरान 13 फरवरी 2018 को उनकी मृत्यु हो गई। शासन की नीति के अनुसार याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिये। याचिकाकर्ता ने प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किये जाने का आवेदन भी दिया, लेकिन सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग मंडला के द्वारा दावे पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, इसलिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।