जबलपुर: सर्जरी के लिए "सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया' एक सुरक्षित विकल्प
- मप्र में अपने तरह की पहली लाइव वर्कशॉप
- मेडिकल कॉलेज में हुआ आयोजन
- विशेषज्ञों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में आयोजित वर्कशॉप में साझा की
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सभी सर्जरीज में एनेस्थीसिया दिया जाता है। कुछ में जनरल एनेस्थीसिया यानी पूर्ण बेहोशी देनी पड़ती है परंतु जनरल एनेस्थीसिया के भी कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। इसमें रिकवरी टाइम बढ़ता है और हॉस्पिटल स्टे बढ़ता है।
एक नई तकनीक "सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया' इसका एक सुरक्षित विकल्प है। यह बात विशेषज्ञों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में आयोजित वर्कशॉप में साझा की।
जबलपुर एनेस्थीसिया चैप्टर द्वारा मेडिकल कॉलेज के एनीस्थीसिया विभाग के सहयोग से "सेगमेंटल स्पाइनल एनेस्थीसिया' टेक्निक से सबको अवगत कराने एवं इसके सही इस्तेमाल दिखाने के लिए लाइव वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशाॅप में अमरावती के डाॅ. नरेश पालीवाल और नौसरी के डाॅ. तरुण वघेला ने इस टेक्निक का डिमॉन्स्ट्रेशन दिया।
उद्घाटन समारोह में प्रभारी डीन डाॅ. परवेज़ सिद्दीकी, अधीक्षक डाॅ. अरविंद शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। आयोजन अध्यक्ष डाॅ. भाग्यश्री नागराज, सचिव डाॅ. देवेश कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष डाॅ. विशाखा कालिया, डाॅ. आशीष गुप्ता द्वारा किया गया, जिसमें डाॅ. विकेश अग्रवाल, डाॅ. पवन अग्रवाल, डाॅ. रीना कोठारी, डाॅ. अतुल पटेल, डाॅ. चंदन तिवारी, डाॅ. हरि दामड़े, डाॅ. रविकांत महंत, डाॅ. विनीत दुबे, डाॅ. संजय यादव, डाॅ. सोनल साहनी, डाॅ. ज्योति शर्मा का सहयोग रहा।
वर्कशॉप का लाभ वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डाॅ. बीपी सिंह, डाॅ. अरुण दवे, डाॅ. मुकेश निगम, डाॅ. आशीष सेठी समेत जबलपुर, कोटा, जयपुर, छिंदवाड़ा, शिवपुरी से आए 120 एनेस्थीसिया विशेषज्ञों ने उठाया।