जबलपुर: करोड़ों रुपयों की धान बाहर ही पड़ी रह गई, अब बढ़ा सड़ने का खतरा

  • दो दिनों से हो रही बारिश में बुरी तरह भीग गई धान
  • यह पता तक नहीं चला कि बाहर रखी धान है किसकी
  • बिना अनुमति ही कई वेयर हाउसों में धान का भंडारण भी किया गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-14 14:09 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मौसम की लगातार मार झेलती वेयर हाउसों के बाहर रखी धान अब सड़ने की कगार पर आ गई है। दावा तो यह भी किया जा रहा था कि बाहर रखी अधिकांश धान गुणवत्ताहीन ही थी।

मामले की जाँच और किसानों का पक्ष जानने पिछले दिनों ग्राम बरौदा में कलेक्टर की पहल पर चौपाल लगाई गई, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकल पाया है। केवल 2 वेयर हाउसों में ही लगभग 90 हजार क्विंटल धान बाहर रखी है, जो कि बरबाद होने की कगार पर है।

बिना अनुमति धान का भंडारण करने के बाद जिला प्रशासन ने वेयर हाउसों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इसके बाद कई ने धान का उठाव कर लिया और बहुत से किसान भी अपनी धान उठाकर ले गए।

इसके बाद भी चंसोरिया वेयर हाउस पनागर और माँ रेवा वेयर हाउस भिड़री में ही करीब 90 हजार क्विंटल धान का भंडारण है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 19 करोड़ होती है। ये धान बाहर ही असुरक्षित है और पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से धान के सड़ने की आशंका जताई जा रही है।

मौसम के बिगड़ने पर ही हुआ था खुलासा

दिसम्बर में जब धान की खरीदी शुरू हुई थी, उसी के बाद मौसम में भी बदलाव आ गया था और बारिश हाेने लगी थी। इसके बाद धान को सुरक्षित करने की माँग उठी थी। उसी समय पता चला था कि बिना अनुमति ही कई वेयर हाउसों में धान का भंडारण भी किया गया है।

मामला यहीं से आगे गया और पता चला कि केवल दो-चार नहीं, बल्कि 46 वेयर हाउस में धान का अवैध तरीके से भंडारण किया गया था और भोपाल की टीम ने जाँच के बाद यह खुलासा किया था।

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