जबलपुर: अब नहीं रुकेगी फाइल, रादुविवि में शुरू हुई फाइलों की कोडिंग

  • पता चलेगा कि कौन सी नस्ती किस जगह अटकी
  • विवि के प्रबंधन से जुड़े 24 विभागों और शिक्षण कार्य से जुड़े 30 विभागों के लिए अलग-अलग कोड बनाए गए हैं।
  • शाखा द्वारा विभाग के कोड की सील 15 अप्रैल तक उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-02 13:40 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अक्सर ऐसा होता है कि विभिन्न विषयों अथवा प्रकरणों से संबंधित नस्तियाँ महीनों तक एक ही विभाग में अटकी रह जाती हैं। समस्या तब खड़ी होती है जब इन्हें ट्रैक करना हो।

इन समस्याओं के समाधान के लिए रानी दुर्गावती विवि ने नई व्यवस्था लागू की है। जिसमें नस्तियों के निष्पादन की सुगमता एवं सरलीकरण के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए थे। यह काम सोमवार 1 अप्रैल से शुरू हो गया है।

जानकारी के अनुसार हर नस्ती पर यूनिक कोड दर्ज किया गया है जिसमें नस्ती क्रमांक, माह और विभाग की जानकारी दर्ज की गई है। इस यूनिक कोड से नस्ती को ट्रैक करना अब आसान होगा।

कौन सी नस्ती, किस स्टेज पर है, किस विभाग में कब तक रुकी रही, इसकी जानकारी आसानी से मिल सकेगी। विवि के प्रबंधन से जुड़े 24 विभागों और शिक्षण कार्य से जुड़े 30 विभागों के लिए अलग-अलग कोड बनाए गए हैं।

नोट शीट के ऊपरी हिस्से में विभाग का नस्ती कोड, वर्ष, माह और नस्ती क्रमांक अंकित किया गया है, साथ ही सभी विभागों को भण्डार शाखा द्वारा रजिस्टर एवं आवक/जावक का फाॅर्मेट उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि नवीन प्रविष्टि उसमें अंकित की जा सके।

इसी प्रकार सभी विभागों को भण्डार शाखा द्वारा विभाग के कोड की सील 15 अप्रैल तक उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं।

कुलपति प्रो. राजेश वर्मा के निर्देश पर यह प्रक्रिया नवाचार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, साथ ही निकट भविष्य में ई-फाइलिंग में डाटा ट्रांसफर करने में भी सुविधा होगी। नई व्यवस्था से एक नस्ती किसी विभाग में कब तक रुकी रही, यह ट्रैक करना आसान होगा। विभिन्न प्रकरणों और कार्यों का निपटारा जल्दी होगा।

-डाॅ. दीपेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि

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