जबलपुर: सीएम हेल्पलाइन को अब गंभीरता से लेंगे अधिकारी

  • मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी विभागों के प्रमुख हुए सक्रिय
  • पिछले कुछ महीनों से सीएम हेल्पलाइन की रैंकिंग पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-28 14:24 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सीएम हेल्पलाइन की रैंकिंग को सुधारने के लिए अब हर विभाग के अधिकारी सक्रिय रहेंगे। जिस भी विभाग का प्रदर्शन खराब रहेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पिछले कुछ महीनों से सीएम हेल्पलाइन की रैंकिंग पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा था। यही कारण था कि जबलपुर जिला पहले से 13वें नम्बर पर पहुँच गया। अधिकारी जब रैंकिंग पर ध्यान नहीं देंगे तो इसका सीधा सा मतलब है कि जनता के भी काम नहीं होंगे और यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों भोपाल में कहा कि हर प्रकार की रैंकिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।

ज्ञात हो कि जून माह की रैंकिंग में जिले ने 12वाँ स्थान हासिल किया था, जबकि जुलाई की रैंकिंग में इसमें 1 नम्बर की गिरावट आ गई और जिला 13वें स्थान पर पहुँच गया। इससे भी चौंकाने वाली बात तो यह है कि कटनी, छतरपुर और सीधी जैसे छोटे जिलों की रैंकिंग हमसे कहीं बेहतर है।

इससे यह समझ में आता है कि छोटे जिले रैंकिंग के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं और वहाँ रैंकिंग के लिए मेहनत हो रही है, यानी जनता की शिकायतों को प्राथमिकता दी जा रही है। किसी भी जिले में जनता यदि खुश है तो इससे बड़ी बात और क्या हाेगी। यही कारण है कि मुख्यमंत्री को सामने आकर निर्देश देने पड़े कि रैंकिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।

शिकायतें कम नहीं हो रहीं

बताया जाता है कि जिले में एक माह यानी जुलाई में ही कुल 13 हजार 212 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से संतुष्टि के साथ बंद शिकायतों का वेटेज स्कोर 45.4 प्रतिशत रहा। 50 दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों का वेटेज स्कोर 20 में से 9 रहा। इसी से पता चलता है कि जिले में शिकायतों का ग्राफ तो लगातार बढ़ रहा है लेकिन उन्हें हल करने में अधिकारी और कर्मचारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अब देखना होगा कि आगे जिले की रैंकिंग कहाँ तक पहुँचती है क्योंकि साल के शुरुआत में तो कई माह जिला पहले नम्बर पर था।

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