अनगिनत गड्ढे: दो दिन सूखा रहने के बाद भी थिगड़े नहीं लगा पायी एनएचएआई

  • निर्माणाधीन रिंग रोड गड् ढों में हिचकोले खाते आगे बढ़ रहे, हादसों को खुला न्यौता
  • अब एक बार फिर मानसूनी बारिश के दौर में डूबे हुए गड्ढों से यातना झेल रहे लोग
  • रात के वक्त जान लेने उतारू हैं निर्माणाधीन रिंग रोड के गड्ढे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-09 14:08 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इण्डिया दावा करती है कि निर्माणाधीन रिंग रोड के पहले हिस्से में यदि कुछ घंटों के लिए थोड़ी बारिश थमती है तो सड़क के गड्ढे भर दिए जाएँगे। अधिकारियों के ये दावे लेकिन मौके पर धराशायी साबित हो रहे हैं।

मंगलवार और सोमवार के दिन बारिश नहीं हुई, मौसम सूखा रहा और सड़क पर धूल का गुबार था, एक्सपर्ट का मानना है कि कंपनी इतने वक्त में काफी लंबे एरिया में गड्ढों पर थिगड़े लगा सकती थी या फिर वाहन आसानी से निकल जाए ऐसा कर सकती थी, पर अफसोस वक्त मिलने पर भी सुधार की कोई नीयत नजर आ रही है।

लोगों का कहना है कि अधिकारी और ठेका कंपनी के बीच मिली भगत से इस तरह की मरम्मत को कुछ दिन के लिए टाला जा रहा है। अनदेखी भरे रवैये से लोग खतरों के बीच निकल रहे हैं। रात के समय निकलते वक्त महसूस किया जा सकता है कि लोगों की जान की न तो ठेका कंपनी को परवाह है, न ही निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को।

रात के वक्त इन हिस्सों से निकलना बेहद खतरों से भरा

रिंग रोड के पहले हिस्से में एकता चौक के अंडर व्हीकल पास से बरेला बायपास की ओर जितने भी अंडर व्हीकल पास और अंडर पैसेंजर पास बनाए जा रहे हैं उनके नजदीक से निकलने हर पग खतरों से भरा है।

बारिश हो रही है और आदमी इन निर्माणाधीन ब्रिजों के करीब से गुजर रहा है। अगर गड्ढे पर ध्यान न दिया तो जान तक जा सकती है। तेज गति से कुछ वाहन बढ़ते हैं तो बिखरी गिट्टियाँ परीक्षा लेती हैं। हर लिहाज से इस एरिया में रात का सफर बेहद खतरों से भरा है।

यहाँ यह तकनीक अपनाई जा सकती है

जानकारों का कहना है कि गंभीरता के साथ कोई बड़ी रोड संरचना का निर्माण किया जाए जिसमें पूरी तरह से ठेका कंपनी भी जिम्मेदारी निभाए और अधिकारी भी तो मानसून सीजन में मास्टिक एसफाल्ट यानी गोंदनुमा डामर लगाकर कांक्रीट के साथ थिगड़े लगवा सकते हैं या फिर सावधानी के साथ निगरानी में गिट्टी में ब्लू डस्ट डालकर इसे रोल कर दिया जाए जिससे पानी का भराव कम होकर मार्ग निकलने लायक हो जाए लेकिन अफसोस यहाँ पर ऐसा कुछ भी नहीं हो सका है।

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