जबलपुर: "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एम्बेसडर पर्वतारोही भावना को मिला महाकौशल रत्न पुरस्कार

  • माउंटेन चढ़ने की प्रैक्टिस करें, नेचर से जुड़ें
  • साहस और समाजसेवा की एक प्रेरणादायक मिसाल
  • अब तक चार महाद्वीपों के सबसे ऊँचे शिखर पर भारत का तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-30 11:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कैरियर चुनने की कोई उम्र नहीं होती। छाेटी सी उम्र में भी अपने ड्रीम को सच करने का संकल्प लिया जा सकता है। यह बात सच कर दिखाई पर्वताराेही भावना डेहरिया ने।

उन्हाेंने बताया कि जब वो कक्षा 7वीं में पढ़ती थीं उस वक्त ही साेच लिया था कि उन्हें एवरेस्ट चढ़ना है, फिर क्या था बचपन में देखा हुआ सपना पूरा किया। भावना ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि वे मध्य प्रदेश के जिला छिंदवाड़ा के ग्राम तामिया में जन्मी एक भारतीय पर्वतारोही हैं।

हायर एजुकेशन के लिए भोपाल गईं, साथ ही पर्वतारोही बनने की ट्रेनिंग भी चलती रही। उन्होंने बताया कि पर्वतारोही बनने के लिए सबसे जरूरी होता है कि नेचर के करीब रहें। वे बताती हैं कि उन्हें महाकौशल खेल रत्न पुरस्कार समारोह में उनके खेल के लिए महाकाैशल रत्न से सम्मानित किया गया।

7 महाद्वीपों में तिरंगा लहराना है

पर्वतारोही भावना ने बताया कि उन्हें "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। उनका लक्ष्य दुनिया की सात महाद्वीपों में तिरंगा लहराना है। अब तक चार महाद्वीपों के सबसे ऊँचे शिखर पर भारत का तिरंगा फहराकर देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।

वहीं भारतीय हिमालय पर्वत शृंखला को विश्वभर में प्रमाेट करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया है।

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