जबलपुर: कृषि यंत्रों के जरिए मिल सकता है अधिक उत्पादन
- किसानों को दी कृषि यंत्रों के उपयोग की सलाह
- इस यंत्र का उपयोग करने से समय और लागत दोनों की बचत होती है।
- स्ट्रॉबेलर द्वारा एक घंटे में तकरीबन एक एकड़ खेत से पराली को हटाया जा सकता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा अधिक उत्पादन प्राप्त करने यांत्रिक कृषि के प्रति किसानों को जागरूक करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा किसानों को कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न यंत्रों की जानकारी दी गई।
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास रवि आम्रवंशी ने बताया कि एक ओर जहाँ स्ट्रॉबेलर कृषि यंत्र पराली को खेतों से इकट्ठा कर छोटे-छोटे गट्ठे बना देता है। वहीं रोटरी मल्चर यंत्र फसल के अवशेषों को छोट-छोटे टुकड़ों में काटकर उन्हें खेत में एक समान रूप से फैला देता है।
उन्होंने बताया कि स्ट्रॉबेलर द्वारा एक घंटे में तकरीबन एक एकड़ खेत से पराली को हटाया जा सकता है। साथ ही नरवाई के स्थानांतरण, संग्रहण आदि कार्यों को भी सफलता पूर्वक किया जा सकता है। वहीं रोटरी मल्चर द्वारा गन्ने की फसल के अवशेषों, गेहूँ और धान के पुआल, बैंचा और मक्का के डंठल से मल्विंग के लिए किया जाता है।
श्री आम्रवंशी ने बताया कि किसानों को अरहर, सोयाबीन, मूँग, उड़द, चना, मसूर, मक्का एवं गेहूँ जैसी फसलों की बोवनी करने के लिए मल्टी क्रॉप-रज्ड बेड प्लांटर मशीन का उपयोग करना चाहिए। इस मशीन से 20 से 22 इंच चौड़ी एवं 6 इंच ऊँची क्यारियाँ बनती हैं, जो तेज हवा एवं आँधी के प्रभाव से फसलों को सुरक्षित करती हैं। श्री आम्रवंशी ने नरवाई जलाए बिना फसल की बोवनी करने में उपयोगी यंत्र हैप्पी सीडर की जानकारी भी दी।
उन्होंने बताया कि हैप्पी सीडर मशीन द्वारा एक घंटे में एक एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में बोवनी की जा सकती है, साथ ही फसल में पानी भी कम लगता है। खरपतवार कम होते हैं और उत्पादन भी अधिक होता है। इस यंत्र का उपयोग करने से समय और लागत दोनों की बचत होती है।