जबलपुर: जेडीए ने 4.80 एकड़ जमीन ली लेकिन नहीं कराया विकास

  • वापस दिलाने याचिका दायर, जेडीए व अन्य को नोटिस
  • जेडीए ने 1983 में ब्रम्हपुरी प्राइवेट सोसायटी हाथीताल को यह जमीन दी थी।
  • याचिकाकर्ता लगातार कोर्ट में याचिकाएँ दायर कर रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-18 10:16 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा गया कि जबलपुर विकास प्राधिकरण ने हाथीताल में खसरा नंबर 132 क्षेत्रफल 4.80 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी, लेकिन अभी तक उसमें विकास नहीं कराया है।

जस्टिस आनंद पाठक की एकलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद जेडीए व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। जबलपुर निवासी गीता श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता केके पांडे, कौशलेश पांडे व सिद्धार्थ पांडे ने पक्ष रखा।

उन्होंने बताया कि जेडीए ने वर्ष 1980 में उक्त जमीन अधिग्रहित की थी। इसके बाद जेडीए ने 1983 में ब्रम्हपुरी प्राइवेट सोसायटी हाथीताल को यह जमीन दी थी। शर्त रखी गई थी कि दो वर्ष के अंदर प्लाॅट विकसित करना है। सोसायटी ने यह नहीं किया। इस पर जेडीए ने एग्रीमेंट निरस्त कर दिया।

सोसायटी के आरपी दुबे व परितोष जैन ने हाईकोर्ट में 2004 में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने याचिका निरस्त करके याचिकाकर्ता की जमीन को उक्त सोसायटी को देना गलत माना था और जेडीए पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई थी।

इसके बाद से याचिकाकर्ता लगातार कोर्ट में याचिकाएँ दायर कर रही है। इसके बावजूद उसे जमीन वापस नहीं की गई, इसलिए अब नए तरीके से याचिका दायर कर माँग की गई है कि याचिकाकर्ता को उसकी जमीन वापस दिलाई जाए।

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