Jabalpur News: पूर्व कलेक्टर्स से राशि वसूल कर मुआवजा देने के आदेश पर रोक
- राज्य शासन की अपील पर डिवीजन बेंच का अंतरिम आदेश, अवमानना पर भी दिया स्थगन
- कलेक्टर के खिलाफ अवमानना व 20 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगा दी।
- हाईकोर्ट ने 2006 में याचिकाकर्ता के प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए थे।
Jabalpur News: मप्र हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकलपीठ के उस आदेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी जिसमें जबलपुर निवासी शशि पांडे को उसकी जमीन के बदले वर्ष 1988 से अभी तक का मुआवजा 10 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान करने कहा गया था।
जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने उस आदेश पर भी रोक लगा दी जिसके तहत उक्त राशि का भुगतान पूर्व में पदस्थ रहे कलेक्टर्स से वसूल करके भुगतान करने कहा गया था। इसके अलावा कलेक्टर के खिलाफ अवमानना व 20 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगा दी।
दरअसल, राज्य शासन की ओर से एकलपीठ द्वारा 3 अक्टूबर को पारित आदेश के विरुद्ध अपील प्रस्तुत की गई है। शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह व उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अनावेदक ने ऐसी कोई सामग्री रिकॉर्ड पर पेश नहीं की जिससे यह पता चले कि मुआवजे का आकलन किस प्रकार किया जाना है। उन्होंने एकलपीठ द्वारा कलेक्टर के खिलाफ अवमानना और जुर्माने को भी गलत बताते हुए उसे चुनौती दी।
जबलपुर निवासी शशि पांडे ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने 5 फरवरी 1988 को उसकी अधारताल बायपास से लगी 29 हजार 150 वर्गफीट जमीन ले ली थी। इस जमीन के बदले याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया गया और इतने वर्षों में अधिग्रहण की कार्रवाई भी नहीं की गई। इसके पहले भी एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने 2006 में याचिकाकर्ता के प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर को दिए थे।