जबलपुर: कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हुआ घमापुर रामलीला मैदान मार्ग
- जोखिम उठाकर हर दिन आवागमन करने को मजबूर हैं क्षेत्र के सैकड़ों लोग
- बारिश में ये डस्ट या तो बह गई या फिर टीले नुमा रूप में जगह-जगह जम गई है।
- कई पार्षद आए और गए, विधायक भी बदले पर नहीं बदली तो यहाँ की अव्यवस्था
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कहने को तो ये बीच शहर का हिस्सा है पर हालात किसी बेहद पिछड़े गाँव से हैं। 25 करोड़ की स्मार्ट फोरलेन से जुड़ा रामलीला मैदान का मार्ग वर्तमान में कीचड़ और बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गया है।
उस पर यहाँ डाली गई मिट्टी फिसलन पैदा कर रही है, जिसमें गिरकर आए दिन वाहन चालक घायल हो रहे हैं। वर्तमान में आलम ये है कि यहाँ से पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। किसी तरह से लोग बच कर गुजर तो रहे हैं पर जिम्मेदारों को कोस भी रहे हैं।
पहले डस्ट डाली, अब भर रहे मलबा|
इस मैदान को समतल करने के लिए पूर्व में गिट्टी की डस्ट डाली गई थी। बारिश में ये डस्ट या तो बह गई या फिर टीले नुमा रूप में जगह-जगह जम गई है। जहाँ से डस्ट बही, उस जगह पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिनमें बरसात का पानी भरा हुआ है।
पानी के कारण गड्ढे की गहराई का अंदाजा नहीं हो पाता और नतीजतन इनसे निकलने वाला बाइक सवार जमीन पर नजर आता है। गड्ढों को पूरने के लिए अब पुराने मकानों से निकलने वाला मलबा यहाँ डाला जा रहा है। इसमें मिट्टी के साथ बड़े-बड़े ईंट के टुकड़े और पत्थर भी होते हैं। इनके कारण भी यहाँ से वाहन निकालना बेहद जोखिम भरा हो गया है।
जनप्रतिनिधि बदले पर हालात नहीं
इस मैदान से होकर यहाँ बनी कॉलोनी के सैकड़ों लोग दिन-रात आवागमन करते हैं। बावजूद इसके उनके चलने के लिए अब तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। यहाँ के निवासियों ने बताया की वर्षों से यहाँ यही हाल रहा है।
कई पार्षद आए और गए, विधायक भी बदले पर नहीं बदली तो यहाँ की अव्यवस्था। लोगों ने कई बार पार्षद और विधायक से यहाँ सड़क निर्माण को लेकर गुहार लगाई पर किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।
यहाँ से आवागमन करने वालों की व्यथा है कि जनप्रतिनिधियों को हम भी वोट देते हैं तो फिर हमारी इस समस्या को दूर करना भी उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
स्थानीय रहवासियों के अनुसार इस मैदान से दिनभर आम लोगों के साथ ही महिलाओं और स्कूल-कॉलेज की युवतियों का भी आना-जाना होता है। इस दौरान रामलीला मैदान परिसर में अनेक बार अवांछित तत्वों और नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है।
शराबखोरी से लेकर अन्य कई तरह के नशा करने वाले लोग मैदान में यहाँ-वहाँ बैठे नजर आते हैं। इनके कारण यहाँ से अकेली गुजरने वाली महिलाओं को बेहद असुविधा के बीच गुजरना पड़ता है। पुलिस की गश्त भी केवल मुख्य मार्ग पर ही होती है। कभी भी पुलिस कर्मी मैदान के अंदर आकर अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने की जहमत नहीं उठाते।