जबलपुर: जेल में गैंगस्टर छोटू पर लोहे की पट्टी से हमला

  • केन्द्रीय जेल में घटना से मची अफरा-तफरी, बढ़ाई गई निगरानी
  • इस घटना से जेल के भीतर बंदियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
  • घटना को देखते हुए संजय को पृथक कक्ष में रखा गया है और उसकी निगरानी बढ़ा दी गयी है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-14 13:37 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में बंद गैंगस्टर सुयश उर्फ छोटू चौबे पर सोमवार की सुबह गैंगस्टर संजय अहिरवार उर्फ संजू सारंग ने लोहे की पट्टी से हमला कर घायल कर दिया। जेल की पूर्वी खंड में हुई घटना से अफरा-तफरी मच गयी।

जानकारी के अनुसार जेल में बंद संजय अहिरवार को फरवरी में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, वहीं मार्च में छोटू चौबे को हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। दोनों बंदियों पर संगीन मामले होने के कारण उन्हें पूर्वी खंड की अलग-अलग बैरकों में रखा गया था।

सोमवार की सुबह पौने दस बजे के करीब छोटू की फाेन पर मुलाकात थी। इसके लिए वह चक्कर में खड़ा था। उसी दौरान गेट पर खड़े संजय अहिरवार ने उसे आवाज देकर बुलाया। छोटू उसके पास पहुँचा तो संजय ने छुपा कर रखी लोहे की पट्टी से उस पर हमला कर दिया। उपचार के बाद उसकी पेशी कराई गयी।

बुनाई का काम करता है संजय

जानकारी के अनुसार बंदी संजय जेल में बुनाई का काम करता है। पूछताछ में उसने अधिकारियों को बताया कि वह जहाँ पर बुनाई का काम करता है वहीं से उसने लोहे की पट्टी चोरी की थी। उसके बाद वह उसे अपने पास छिपाकर रखे हुए था। इस घटना से जेल के भीतर बंदियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जेल के भीतर बना रहा है गैंग

जानकारों के अनुसार संजय अहिरवार ने 2018 से अपराध करना शुरू किया था उसके बाद उसने अपनी खुद की सारंग नाम से गैंग तैयार की थी। अक्टूबर 2023 में उसकी गैंग के कई सदस्य देशी पिस्टल, कट्टा, कारतूस के साथ गिरफ्तार किए गये थे।

वहीं जुलाई में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें संजय व उसके साथी एक युवक की बेरहमी से पिटाई करते नजर आ रहे थे। इन संगीन मामलों में जेल में बंद संजय अब अंदर ही अपनी गैंग तैयार कर रहा है।

जेल की पूर्वी खंड में बंद बदमाश संजय अहिरवार उर्फ सारंग ने दूसरे बदमाश छोटू चौबे पर लोह की पट्टी से हमला कर दिया। छोटू को मामूली चोट आई है। इस घटना को देखते हुए संजय को पृथक कक्ष में रखा गया है और उसकी निगरानी बढ़ा दी गयी है। उसकी मुलाकात व फोन पर बातचीत पर रोक लगा दी गयी है।

- अखिलेश तोमर, जेल अधीक्षक

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