जबलपुर: सीएलसी प्रक्रिया में खामियाँ, स्टूडेंट्स परेशान
- अधूरी गाइडलाइन से एडमिशन पर पड़ रहा है असर, फॉर्म भरने में लग रही देर
- निजी कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्रों को हेल्प सेंटर जाना होगा
- कॉलेज लेवल काउंसलिंग के चौथे चरण को ऑफलाइन प्रक्रिया के जरिए पूरा किया जा रहा है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर के शासकीय एवं अशासकीय कॉलेजों में चल रही एडमिशन की प्रक्रिया मजाक बनकर रह गई है। नए सीएलसी राउंड को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया में जो बदलाव किया, वह पूरी तरह तकनीकी खामियों व अधूरी गाइडलाइन में उलझ गया है।
कॉलेजों में ऑफलाइन एडमिशन तो शुरू हो गए हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन, दस्तावेज सत्यापन व फीस जमा करने के फॉर्मेट को लेकर शुरू हुई परेशानी अब तक खत्म नहीं हो पाई है। छात्र जब कॉलेजों में ऑफलाइन एडमिशन लेने पहुँच रहे हैं तो उन्हें फॉर्मों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है।
पोर्टल ऑनलाइन फीस जमा करने के बाद आगे नहीं बढ़ता है। ऑनलाइन फीस जमा करने के लिए कुछ कॉलेजों में विद्यार्थियों को फोन कर बुलाया जा रहा है और यूपीआई के जरिए रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करवाया जा रहा है।
वहीं कुछ कॉलेजों में सर्वर भी अक्सर डाउन रहता है। कॉलेजों में हालत यह है कि एक घंटे में एक फॉर्म ऑनलाइन फीड हो रहा है। बता दें कि कॉलेज लेवल काउंसलिंग के चौथे चरण को ऑफलाइन प्रक्रिया के जरिए पूरा किया जा रहा है।
इसके पीछे सोच यह थी कि जिन स्थानों पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहाँ पर भी आसानी से एडमिशन हो सकें, लेकिन प्रक्रिया की खामियों ने विद्यार्थियों और कॉलेज प्रबंधन दोनों की ही मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
आ सकती है प्रवेश में कमी
जानकारी के अनुसार गत 29 अगस्त से नई व्यवस्था लागू हो चुकी है। इसमें छात्र सीधे कॉलेज पहुँचकर ऑफलाइन प्रवेश ले रहे हैं। जहाँ सीटें खाली हैं, वहाँ छात्र को मौके पर ही मेरिट आधार पर एडमिशन मिल जाएगा।
छात्र को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना है, लेकिन कॉलेज पोर्टल पर छात्र की पूरी जानकारी ऑनलाइन भरेंगे। इसके पहले या उसी दौरान छात्र को सरकारी कॉलेज पर बने हेल्प सेंटर पहुँचना पड़ रहा है। वहाँ से दस्तावेज सत्यापन करवाना है। निजी कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्रों को हेल्प सेंटर जाना होगा और मार्कशीट से लेकर बाकी दस्तावेज दिखाना होते हैं।
इसके बाद अपने साथ यूपीआई वाला फोन अथवा घर के किसी अन्य व्यक्ति को साथ लेकर जाते हैं तभी उनका रजिस्ट्रेशन होता है। सीएलसी चौथे राउंड को ऑफलाइन करने की वजह से प्रक्रिया इतनी उलझ गई है कि इसकी वजह से प्रवेश की संख्या में भी कमी आ सकती है।