जबलपुर: सुविधा होने के बावजूद स्टेशनों के नलों में नहीं आ रहा ठंडा पानी

  • लापरवाही: स्टाॅलों में भी पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं
  • बोतल खरीदने मजबूर हो रहे यात्री
  • दूर-दराज से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों की फजीहत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-09 09:33 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल के अंतर्गत अधिकांश स्टेशनों में यात्रियों को ठंडा पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। हालात यह है कि जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर आकर रुकती है तो यात्री पानी के लिए सीधे नलों की ओर दौड़ लगा देते है, मगर नलों में ठंडा पानी नहीं मिलने के कारण उन्हें मायूस होना पड़ता है।

यात्रियों को मजबूरी में ठंडा पानी के लिए स्टाॅलाें में जाकर पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है मगर स्टाॅलों में भी बिजली बंद होने की बात कहकर पर्याप्त ठंडा पानी मुहैया नहीं कराया जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज से आने वाली ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों को हो रही है।

मंडल के स्टेशनों में पानी की कमीं नहीं है, हर स्टेशनों में वाटर वेंडिंग मशीन लगाई गई है मगर इसके बाद भी गर्मी के दिनों में अब यात्रियों को ठंडा पानी नसीब नहीं हाे पा रहा है।

गर्मी के दिनों में यात्रियों को राहत देने रेल प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जाते हैं। पानी की कमी को पूरा करने जबलपुर मुख्य स्टेशन के सभी प्लेटफाॅर्म पर वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं जिससे जलापूर्ति संभव हाे पा रही है मगर प्लेटफाॅर्म पर लगे नलों में ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है।

नलों की तरफ ही लगाते हैं दौड़- जानकारों का कहना है कि जैसे ही कोई ट्रेन प्लेटफाॅर्म में रुकती है तो सबसे पहले यात्री खाली पानी की बोतल लेकर प्लेटफाॅर्म पर लगे नलों की ओर ही दौड़ लगाते हैं मगर यहाँ गर्मी के हिसाब से पर्याप्त ठंडा पानी नहीं मिल रहा है जिससे यात्री पानी खरीदने मजबूर हो रहे हैं।

दूर-दराज की ट्रेनों में सबसे ज्यादा परेशानी

बताया जाता है कि सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों को हो रही है। यात्री जब अपने गंतव्य स्टेशन से रवाना होता है तो थोड़ा बहुत पानी साथ में लेकर चलता है मगर आधे सफर में पानी खत्म होने के बाद यात्री किसी स्टेशन के आने का इंतजार करते हैं मगर स्टेशनों में भी ठंडा पानी नसीब न हो तो यात्री परेशान होते हैं।

इस तरह की परेशानी सबसे ज्यादा मुंबई, यूपी, बिहार, सोमनाथ रूट से आने वाली ट्रेनों के अलावा पैसेंजर ट्रेनों में हो रही है।

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