पीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023: एक प्रश्न डिलीट करें, दूसरे का एक उत्तर गलत माना

  • हाई कोर्ट का बड़ा फैसला - राज्य वन सेवा की मुख्य परीक्षा के लिए नई मेरिट लिस्ट जारी करें
  • कोर्ट ने इसके पहले सिविल सेवा की 11 मार्च को आयोजित मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी थी।
  • डिलीट किए गए प्रश्न के अंक सभी याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को दिए जाएँगे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-17 09:35 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए विवादित प्रश्नों के मामले में बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने एक प्रश्न (प्रेस की स्वतंत्रता) को गलत मानते हुए उसे डिलीट करने के निर्देश दिए।

वहीं एक अन्य प्रश्न (कबड्डी संघ का मुख्यालय) का पीएससी द्वारा दिए गए उत्तर 'दिल्ली' को गलत माना। कोर्ट ने इसके उत्तर 'जयपुर' को सही करार दिया। डिलीट किए गए प्रश्न के अंक सभी याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को दिए जाएँगे। वहीं दूसरे प्रश्न का उत्तर जिन्होंने जयपुर दिया है, उन्हें उसके अंक मिलेंगे।

हालाँकि कोर्ट ने इसके पहले सिविल सेवा की 11 मार्च को आयोजित मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी थी। इन उम्मीदवारों का रिजल्ट अब हाई कोर्ट के इस फैसले के आधार पर तैयार किया जाएगा।

जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने राज्य वन सेवा की मुख्य परीक्षा के लिए नई मेरिट लिस्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। यह परीक्षा 30 जून से होनी है। यहाँ बता दें कि राज्य वन सेवा की मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को पीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने बताया कि पीएससी-प्री परीक्षा में पूछे गए सवालों में से कुछ प्रश्न ऐसे हैं, जिन पर आपत्ति पेश की गई थी। इसे लेकर प्रदेश के अलग-अलग जगहों से 19 याचिकाएँ मुख्यपीठ में दायर की गई थीं।

भोपाल के अभ्यर्थी आनंद यादव ने राज्य सेवा परीक्षा, 2023 के प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए 3 विवादित प्रश्नों को चुनौती दी थी। फ्रीडम ऑफ प्रेस से जुड़ा सवाल, ग्रीन मफलर किस प्रदूषण से संबंधित है, एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन का हेडक्वार्टर से जुड़े सवालों पर आपत्ति पेश की गई थी।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा था कि चूँकि यह जनहित याचिका नहीं है, इसलिए उन्हीं उम्मीदवारों के प्रकरणों पर विचार किया जाएगा जिन्होंने आपत्ति पेश की है और याचिका दायर की है। अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आशीष मिश्रा, एमके मिश्रा, संजयराम ताम्रकार व अन्य ने पैरवी की।

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