जबलपुर: पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता लिए बिना संचालित हो रहे कोर्स

  • छात्रों ने मान्यता को लेकर कुलसचिव को सौंपा ज्ञापन
  • कोर्स की मान्यता एक माह में प्राप्त कर ली जाएगी लेकिन अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
  • विवि ने सिनॉप्सिस जमा करने की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित की है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-09 11:41 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। महाकौशल लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा विश्वविद्यालय में पैरा मेडिकल काउंसिल से बिना मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन कोर्स की मान्यता प्राप्त करने की माँग को लेकर रादुविवि के कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा।

एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकुश चौधरी ने बताया कि रादुविवि में 2016 से संचालित वोकेशन इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी कोर्स जो कि पैरामेडिकल काउंसिल से बिना मान्यता प्राप्त संचालित किया जा रहा है, जिसमें महाकौशल लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के नेतृत्व में एक माह पहले विश्वविद्यालय में ज्ञापन सौंपा गया था।

जिसमें कहा गया था कि कोर्स की मान्यता एक माह में प्राप्त कर ली जाएगी लेकिन अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। जिससे छात्रों को कोर्स करने के बाद भी उसकी डिग्री कोई काम नहीं आ रही है।

पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त नहीं होने के कारण छात्रों को किसी भी प्राइवेट एवं सरकारी हॉस्पिटल में जॉब नहीं मिल रही और न ही सरकारी नौकरी के फॉर्म भरने में वह पात्र हैं। और न ही आगे पीजी कोर्स कर पा रहे हैं।

इस अवसर पर रोहित कुरील, हर्ष प्रताप, मोहित प्यासी आनंद कुंज, अभिरूप चंसोरिया, समीर श्रीवास, कुणाल सेन, आयू सेन, मुस्कान गुप्ता आदि की उपस्थिति रही।

सिनॉप्सिस जमा करने की अंतिम तिथि 15 मई

मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी मेडिकल कॉलेज, जहाँ सुपर स्पेशिएलिटी कोर्सेस संचालित किए जा रहे हैं, वहाँ छात्रों को एनएमसी की गाइडलाइन के अनुसार थीसिस जमा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। विवि ने सिनॉप्सिस जमा करने की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित की है।

वहीं संबंधित कॉलेजों काे उसके पहले कॉलेज में सिनॉप्सिस सब्मिशन के लिए इथिक्स कमेटी की बैठक आयोजित करने के लिए कहा है। विवि द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार एनएमसी द्वारा इसी साल जनवरी माह में गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसमें सत्र 2023-24 में प्रवेशित एमसीएच और डीएम के छात्रों के कोर्स में थीसिस जमा करने का उल्लेख किया गया था।

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